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Haryana News: बेटे के कातिलों को 8 साल बाद पिता ने खोज निकाला, पुलिस भी मान बैठी थी हार

 
Haryana News: बेटे के कातिलों को 8 साल बाद पिता ने खोज निकाला, पुलिस भी मान बैठी थी हार
Amit Chaudhary Case Gurugram : एक पिता के लिए अपने बेटे को कंधा देना कितना दर्द होता है ये एक पिता ही जान सकता है जिसके साथ घटती है। गुरूग्राम में एक हादसा हुआ और अमित चौधरी नाम के एक 15 साल के लड़के की मौत हो गई। पिता ने हर तरफ दरवाजा खटखटाया लेकिन कहीं पर मदद नहीं मिली। लेकिन एक पिता ने हार नहीं मानी और 8 साल बाद आपने बेटे को इंसाफ दिलाया। Dainik Haryana News: Gurugram 2015 News(नई दिल्ली):गुरूग्राम में अमित चौधरी नाम का 15 साल कास बच्चा अपने चाचा के साथ घुमने निकला था। इतने में एक कार ने उसको टक्कर मार दी। चाचा अमित को अस्पताल लेकर गए लेकिन अस्पताल जाने से पहले ही अमित ने चाचा की बांहों में दम तोड़ दिया। माता पिता को इसकी खबर लगी तो वो टूट गए। पिता जीतेंद्र चौधरी ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ और पुलिस ने केस यह कहकर बंद कर दिया की कार चालक का कोई अता पता नहीं मिला। पिता ने नहीं मानी हार 5 जून 2015 को अमित ने अपनी अंतिम सांस ली थी। अमित के कातिल को सजा दिलाने की ठान ली। पिता ने पुलिस के जवाब देने के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इतने में 2016 की साल आ चुकी थी। Read Also: RBI Rules : लोन नहीं चुकाने वालों के लिए RBI ने जारी किए नए नियम, इस दिन से होंगे लागू कोर्ट ने केस को फिर से जांच करने के लिए कहा तो पुलिस ने बिना जीतेंद्र चौधरी का बताए ही केस को बंद कर दिया और कोर्ट के सामने भी कहा की कार चालक का कोई अता पता नहीं मिल पाया। कोर्ट ने भी इसको मंजूरी देदी। इस बीच अमित के पिता ने कोर्ट के फैसले को चलेंज किया, लेकिन इसे खारिज कर दिया।

अमित के पिता जीतेंद्र चौधरी ने खुद शुरू कर दी जांच

अमित के पिता घटना वाली जगह पर पहुंचे थे तो उनको कार का एक टूटा हुआ मिरर मिला था। इसी मिरर को लेकर जीतेंद्र चौधरी हर गैराज गए, लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया। एक गैराज में काम करने वाले ने बताया की ये मिरर तो सविफट वीडीआई का है। इसके बाद एक पिता के मन में उम्मीद जागी और वो मारूती के शोरूम जा पहुंचे। वहां से उनको मिरर पर बैच नंबर का पता चल गया। इसके बाद कोरोना ने पिता की जांच को रोक दिया। लेकिन जैसे ही कोरोना काल गया तो पिता ने फिर से अपनी जांच शुरू करदी। इतने में साल 2023 आ गया और फिर से अमित के पिता ने कोर्ट में कैस को दोबारा जांच करने की अपिल दाखिल की तो कोर्ट ने इस बार पुलिस की गलती मानते हुए एक पिता को बिना बताए केस बंद करने की गलती मानी। Read Also: Employees Diwali Bonus : कर्मचारियों को मिलेगा इतना दीपावली का बोनस इसके बाद भी पुलिस ने कुछ खास नहीं किया फिर कोर्ट ने पुलिस को लताड़ लगाई और इासका नतीजा भी सामने आया। पुलिस ने ठीक 8 साल बाद कार के चलाक के खिलाफ चार्जशिट दाखिल कर ली। इसके बाद अमित के पिता जीतेंद्र चौधरी ने कहा की देर से ही सही लेकिन इंसाफ मिला। एक मिर्र ने ही पुरे केश को सुलझा दिया।