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Haryana News : पराली जलाने वालों से हरियाणा सरकार ने वसूला इतने लाख रूपये का जुर्माना

 
Haryana News : पराली जलाने वालों से हरियाणा सरकार ने वसूला इतने लाख रूपये का जुर्माना
Haryana Latest News : जैसा की आप जानते हैं कई राज्यों में धान की कटाई हो रही है, जिसके अवशेष जिसे पराली कहा जाता है किसान उसमें आग लगा रहे हैं। पराल के धुुएं से प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है जिसके लिए सरकार ने पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। सरकार के करने पर भी जिन किसानों ने पराली जलाना बंद नहीं किया है उन पर जुर्माना लगाया गया है। आइए खबर में जानते हैं इसके बारे में। Dainik Haryana News,Today Haryana Live News In Hindi(New Delhi): हरियाणा सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त कर्रवाई करनी शुरू कर दी है। दिल्ली में प्रदूषण का सूचकांक 400 के पार जा चुका है जिसकी वजह से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। राजस्थान की भिवाड़ी में आज एक्यूआई 459 के पार जा चुका है। READ ALSO :Uttarkanshi Tunnel Collapse: उत्तराकांशी टनल में एक बिड़ी ने बचाई मजदूर मदन सिंह की जान

32 लाख रूपये का वसूला जुर्माना :

हरियाणा सरकार ने पराली जलाने वालों से 32 लाख रूपये का जुर्माना वसूला है। 72 एफआईआर और 1256 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। सरकार ने पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय कैबिनेट बैठक में सचिव द्वारा बताया गया है कि राज्य में 90 प्रतिशत धान की कटाई हो चुकी है। ऐसे में सरकार ने खुद 44 खेतों की आग को बुझाया है। सरकार ने गुरूग्राम और फरीदाबार जिले में प्रदूषण को कम करने के लिए बीएस ट्रिपल पेट्रोल,बीएस फोर्थ वाहनों की एंट्री पर भी रोक लगा दी है। ऐसा करने से प्रदूषण में थोड़ी राहत देखने को मिलेगी। READ MORE :Business Idea : गांव में ही शुरू करें ये कमाल का बिजनेस, हर महीने होगी लाखों की कमाई 1988 के प्रावधान के तहत अभियोजना का सामना करना पड़ेगा और हल्के वाहनों पर भी रोक लगा दी गई है ताकि किसी भी तरह से प्रदूषण को कम किया जा सके। जानकारी मिल रही है कि पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने वालों के मामले में 38 प्रतिशत की कमी आई है। दोनों सालों की बात की जाए तो 57 प्रतिशत की कमी दर्ज की जा रही है। हरियाणा प्रदेश में 36.5 लाख एकड़ जमीन पर धान की खेती की जाती है। जिसमें से 18.36 लाख एकड़ पर बासमती चावल की खेती की जाती है और 18.2 लाख एकड़ पर गैर बासमती चावल की खेती की जाती है।