Haryana Today News In Hindi : हरियाणा सरकार पहले ही गरीब लोगों की मदद के लिए बहुत सी योजनाओं को चला रही है जिसके तहत लोगों को आर्थिक सहायता मिली है। पहले ही सरकार पुराने घरों की मरम्मत करने के लिए 80 हजार रूपये की राशि प्रदान करती है। अब तो सरकार की योजना को सुनकर आप और भी ज्यादा खुश हो जाएंगे, क्योंकि हरियाणा सरकार ने फैसला किया है कि पुराने घर वाले परिवारों को सरकार अब पेंशन भी देने वाली है। आइए खबर में जानते हैं इसके बारे में।
Dainik Haryana News,Haryana Govt. Scheme(नई दिल्ली): हरियाणा सरकार ने अपने कार्यकाल के 9 साल पूरे कर लिए हैं और ऐसे में काफी प्रदेश का विकास किया है। सरकार ने आमजन की हर संभव मदद की है जिसके बाद लोगों में विश्वास पैदा हुआ है। गरीब लोगों को सरकार रहने के लिए छाया दे रही है, टूटे घरों की मरम्मत करने के लिए पैसे की मदद दे रही है। प्रदेश में प्रदूषण को कम करने के लिए पेड़ पौधे लगवा रही है। ऐसी ही एक योजना को लागू किया गया है जिसके तहत पेड़ों की रक्षा करने वालों को सरकार पेंशन देती है। आइए जानें इस योजना के बारे में।
READ ALSO :Urfi Javed New Dress : उर्फी जावेद ने पहनी ऐसी ड्रेस, देखकर उसके पापा भी हुए हैरान प्राणवायु देवता पेंशन योजना(Pranavayu Devata Pension Scheme) :
हरियाणा ऐसी योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य है, जिसका उद्देश्य 75 वर्ष से अधिक पुराने स्वस्थ पेड़ों को संरक्षित करना है।हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्राणवायु देवता पेंशन योजना(
Pranavayu Devata Pension Scheme) के तहत 3,810 पेड़ों के लिए पेंशन योजना की औपचारिक शुरुआत की। योजना के तहत इन सभी पेड़ों को प्रति वर्ष 2,750 रुपये की पेंशन दी जाएगी। इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए उन भूमि मालिकों द्वारा वन विभाग को आवेदन किया गया था, जिनकी भूमि पर 75 वर्ष या उससे अधिक पुराने पेड़ हैं। राज्य में जिला स्तरीय संरक्षण समितियों ने योजना(
District level conservation committees have planned) के तहत 3,810 पात्र पेड़ों की पहचान की।इन जीवनदायी पेड़ों की वार्षिक पेंशन राशि जो 2750 रुपये है, पेड़ के रख-रखाव और देखभाल के लिए पेड़ संरक्षक के खाते में जमा की जाएगी। वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के अनुरूप पेंशन राशि में भी हर वर्ष वृद्धि की जायेगी।
इन पेड़ों को किया गया है शामिल :
ऑक्सीजन पेड़ों में लगभग 40 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें चिनार, बांस, नीम, आम, जाल, गूलर, काला कदंब, पिलखन और अन्य शामिल हैं। ये सभी पेड़ भारतीय हैं और अत्यधिक पारिस्थितिक महत्व के हैं। ये पुराने पेड़ विभिन्न भूमियों जैसे निजी, पंचायत, संस्थागत और सरकारी संपत्तियों पर खड़े हैं। वन भूमि पर खड़े पेड़ों को योजना में शामिल नहीं किया गया है।उन्होंने कहा कि अगर किसी के घर के आंगन में 75 साल या उससे अधिक पुराना पेड़ है तो वह अपने संबंधित जिले के वन विभाग कार्यालय(
Forest Department Office) में जाकर पेंशन के लिए आवेदन कर सकता है.
READ MORE :Old Pension Update : बुढ़ापा पेंशन लेने के लिए बुजुर्ग 31 दिसंबर तक जरूर कर लें ये काम, वरना कट जाएगी पेंशन आवेदन का मूल्यांकन एक समिति द्वारा किया जाएगा और सभी शर्तों के सत्यापन के बाद लाभार्थी को पेंशन दी जाएगी।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण अनुकूल पहलों को लागू करने में सक्रिय रही है, यह मानते हुए कि पेड़ हमें ऑक्सीजन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 75 वर्ष या उससे अधिक पुराने पेड़ बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ते हैं। पेड़ों को लगाने के लिए कृषि विभाग ने आग्रह किया है कि लोग ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधों को अपने आसपास लगाएं ताकि प्रदूषण से राहत मिल सके।