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Haryana CET : खट्टर सरकार के सीईटी पेपर लीक कांड को युवाओं के बीच ले जाएगी आम आदमी पार्टी

 
Haryana CET : खट्टर सरकार के सीईटी पेपर लीक कांड को युवाओं के बीच ले जाएगी आम आदमी पार्टी
 AAP : आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने शुक्रवार को बयान जारी कर सीईटी के मुद्दे को लेकर खट्टर सरकार पर कड़ा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले तो सीईटी का मामला अदालतों के पचड़ों में फसा रहा। Dainik Haryana News,Haryana CET Exam News(ब्यूरो): अब जब परीक्षा हुई तो सरकार ने अपने तरीके से पेपर लीक करवा दिया। उन्होंने कहा कि परीक्षा से पहले बार-बार पात्रता के मापदंड बदले गए। उसके बाद परीक्षा हुई तो परीक्षा में ४१ प्रश्नों का दोहराव करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया गया। उन्होंने खट्टर सरकार से सीईटी मुख्य परीक्षा को रद्द करके दोबारा परीक्षा करवाने की मांग की। READ ALSO :Jokes: हंसना भी एक कला है उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी खट्टर सरकार के सीईटी पेपर लीक कांड को युवाओं के बीच लेकर जाएगी। इसके लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों का दौरा किया जाएगा। इसको लेकर कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, एमडीयू, चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी, गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, अंबाला की महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी समेत प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में युवाओं के साथ बेरोजगारी पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी 24 अगस्त के बाद सीईटी व बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर पंचकूला स्थित हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के मुख्यालय का घेराव करेगी। यदि खट्टर सरकार की ओर से जल्द फिर भी समाधान नहीं किया गया तो एचएसएससी मुख्यालय पर ही प्रदेश के युवाओं के साथ पक्का मोर्चा लगाया जाएगा। READ MORE :Pakistan News : अंजू के सहारे पाकिस्तानी बिजनेसमैन की साजिश! उन्होंने कहा कि तृतीय श्रेणी के 32 हजार पदों की भर्ती परीक्षा पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा रोक लगाने के फैसले को डबल बेंच द्वारा पलटने के बाद ७ अगस्त को ग्रुप-५६ के पदों के लिए सीईटी की मुख्य परीक्षा हुई। लेकिन इसमें भी ६ अगस्त को आयोजित ग्रुप-५७ की परीक्षा के ४१ सवाल दोहराए गए। इतना ही नहीं, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने एक ही पेपर में दो प्रश्न भी दोहराए दिए। यदि एक साल में भी खट्टर सरकार ये परीक्षा पूरी नहीं करवा पाई है तो एचएसएससी आयोग को भंग कर चेयरमैन को बर्खास्त किया जाए और इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए।