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Haryana News : सरकार का बड़ा फैसला, कब्जे की जमीन पर अब मिलेगा मालिकाना हक

 
Haryana News : सरकार का बड़ा फैसला, कब्जे की जमीन पर अब मिलेगा मालिकाना हक
Haryana Update: जैसा की आप जानते हैं बहुत सी ऐसी जमीन होती हैं जिन पर लोग कब्जा कर लेते हैं। लेकिन सालों साल के बाद भी उस जमीन पर उनका मालिकाना हक नहीं हो पाता है। सरकार की और से नई कमेटी का गठन किया गया है जो अब कब्जाधारकों को मालिकाना हक दिलाएगी। आइए खबर में जानते हैं इसके बारे में पूरी डिटेल से। Dainik Haryana News :#Haryana Latest Update(नई दिल्ली): अगर आपने भी किसी पंचायती जमीन पर कब्जा किया है तो ये खबर आपको खुशी देने वाली है क्योंकि अब आप उस जमीन के मालिक बनने जा रहे हैं। जी हां,किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद सरकार ने कानून में संशोधन के लिए कमेटी गठित कर दी है। सूत्रों के मुताबिक सरकार कानून में संशोधन करने जा रही है। इसके तहत जिसका जितना पुराना कब्जा होगा उसे उतनी ही रियायत कलेक्टर रेट में देकर जमीन का मालिकाना हक दे दिया जाएगा। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है वह ताजा कानून के हिसाब से दिया है।ऐसी संपत्तियों में प्रदेश की लाखों एकड़ जमीन आती है। बैठक में यह भी मुददा उठा कि आधा फरीदाबाद और गुरुग्राम ऐसी जमीनों पर बसा है। लोग कई सालों से यहां कारोबार कर रहे हैं। इन जमीनों में जुमला मालकान, मुश्तरका मालकान, शामलात देह, जुमला मुश्तरका मालकान, आबादकार, पट्टेदार, ढोलीदार, बुटमीदार व मुकरीरदार व अन्य लाखों काश्तकारों की संपत्तियां आती हैं। READ ALSO :Urfi Javed ने बालों में लगाया गजरा, फिर बिकनी पहन आई शीशे के सामने समस्या का हल निकालने के लिए सरकार ने नए नियमों को बनाया है। पुराने कानूनों का अध्ययन करने और नए कानून तैयार करने के लिए विशेष कमेटी गठित की हुई है। इसमें मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, विकास एवं पंचायत मंत्री, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री और महाअधिवक्ता शामिल हैं। कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं और अधिकारियों को कानून का प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। यह कार्य अंतिम चरण में है, जल्द ही इससे संबंधित विधेयक विधानसभा में लाया जाएगा। यह एलान प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया। वह बुधवार को यहां उनके आवास संत कबीर कुटीर पर उनसे मुलाकात करने आए भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि सुरेश कौंथ, अमरजीत मोहड़ी, मनदीप नाथवान आदि के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में कृषि मंत्री जेपी दलाल के साथ-साथ तमाम विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। प्रतिनिधियों ने अपनी कई मांगें रखीं, जिन पर सहमति बन गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान यूनियन के वकील भी कमेटी को सुझाव दे सकते हैं। मनोहर लाल ने कहा कि जो किसान वर्षों से ऐसी जमीनों पर मकान बनाकर रह रहे हैं या खेती कर रहे हैं, उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय नहीं होगा। उनसे जमीन नहीं छुड़वाई जाएगी लेकिन सरकार ने सख्ती की है, ताकि इस प्रकार का कोई नया कब्जा न हो सके। READ MORE :Sapna Chaudhary Dance Video : सपना चौधरी ने घर के ड्रॉइंग रूम में किया ऐसा डांस फैंस के उड़े होश, देखें वीडियो

सुप्रीम कोर्ट ने कब्जे की जमीन को खाली करने के लिए दिए आदेश :

शामलात जमीनों पर कब्जे को लेकर अप्रैल 2022 में सुप्रीम कोर्ट फैसला दे चुका है कि जो जमीन कभी भी शामलात देह थी और बाद में उस जमीन को लोगों ने अपने नाम करा लिया, वह वापस पंचायत या निकाय संस्थाओं के पास जाएगी। जिन लोगों ने जमीनें अपने नाम कराई हैं, उनके नाम भी राजस्व रिकार्ड से हटाए जाएंगे। इस फैसले को लागू करने को लेकर भी हरियाणा सरकार सभी जिलों के डीसी को आदेश दे चुकी है लेकिन भारी विरोध के चलते फिलहाल सरकार ने इस आदेश को लागू करने से रोक रखा है, क्योंकि प्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या लाखों में है। इसलिए सरकार नया कानून बना रही है।

भू-जल रिचार्जिंग के लिए बनाई जा रही है नई योजना

मनोहर लाल ने कहा कि भू-जल रिचार्जिंग के लिए सरकार बोरवेल लगवा रही है। किसान प्रतिनिधियों के सुझाव को मानते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द नई योजना लाएंगे, जिसके तहत भू-जल रिचार्जिंग के लिए किसान अपने खेत में बोरवेल लगा सकेंगे और राज्य सरकार इस पर सब्सिडी देगी। तीन साल तक उस बोरवेल का रखरखाव भी किसान ही करेंगे। मनोहर लाल ने किसानों से अपील की है कि वह सूक्ष्म सिंचाई को अपनाएं। जल संसाधन प्राधिकरण हर गांव के जलस्तर का आकलन कर रहा है। इसके लिए पिजोमीटर लगाए जा रहे हैं। अब खंड अनुसार नहीं बल्कि गांव के अनुसार भू-जल स्तर का पता लगेगा। किसानोंने लगभग एक लाख एकड़ धान के क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य वैक्लपिक फसलें उगाई हैं। READ MORE :Home Business Ideas: 15 हजार से शुरू करें ये खास बिजनेस, हर महीने होगी एक लाख की कमाई

गन्ने के मूल्य निर्धारण के लिए कमेटी कर रही सभी पहलुओं का अध्ययन:

मनोहर लाल( Manohar Lal) ने कहा कि गन्ने के मूल्य को लेकर सरकार ने कृषि मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है, जो गन्ने की लागत, चीनी का रेट, उसकी रिकवरी सहित अन्य संबंधित विषयों का अध्ययन कर रही है। कमेटी जल्द ही सरकार को रिपोर्ट देगी। मिलों में अब एथेनॉल बनाने की दिशा में भी तेजी से कार्य हो रहा है, ताकि मिलों के घाटे में कुछ कमी लाई जा सके।

सड़कों के दोनों तरफ की जमीनों की चकबंदी करने की तैयारी:

किसानों की मांग पर मुख्यमंत्री ने हुए कहा कि राज्य सरकार सड़कों के दोनों तरफ की जमीनों की फिर से चकबंदी करने का प्रबंध कर रही है, ताकि किसी किसान की जमीन यदि सड़क के दोनों तरफ आ गई है तो उसे सड़क के एक तरफ जमीन मिल जाए। चकबंदी के उपरांत किसानों को 4-5 करम का रास्ता प्रदान करने की व्यवस्था भी की जा सकेगी।

ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से भू-मालिकों की आपसी सहमति से सरकार खरीद रही जमीन:

यूनियन के प्रतिनिधियों द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की मांग पर मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में सरकारी परियोजनाओं के लिए एक इंच भूमि का भी अधिग्रहण नहीं किया है। पोर्टल से भू-मालिकों की सहमति से अब तक लगभग 800-900 एकड़ भूमि सरकार खरीद चुकी है।

जुमला मुश्तरका मालकान भूमि

ये वो जमीनें हैं जिन्हें गांव के लोगों ने चकबंदी से पहले सामाजिक कार्यों जैसे गोशाला, तालाब व अन्य किसी काम के लिए छोड़ा था। इनमें से जो जमीन प्रयोग के बाद बची वो उन्हीं काश्तकारों ने अपने नाम करा लीं, जिन्होंने ये जमीन दी थीं। इन्हीं जमीनों को जुमला मुश्तरका मालकान भूमि कहा जाता है। इसी प्रकार, शामलात देह जमीन वो होती है, जो सामुदायिक उपयोग के लिए छोड़ी गई थीं आबादकार: बंजर जमीन को आबाद करने वाला पट्टेदार: लीज पर जमीन लेने वाला  ढोलीदार: दान में दी गई जमीन  बुट्टीमारदार: दान में मिली जमीन का काश्तकार  मुकरीरदार: दान में मिली जमीन पर काबिज