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Haryana : हरियाणा का ये गांव कहा जाता है फौजियों की खान, जानें क्यों?

 
Haryana : हरियाणा का ये गांव कहा जाता है फौजियों की खान, जानें क्यों?
Haryana News : मेजर रणसिंह साल 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान लंबी लड़ाई लड़ी थी। इस गांव से 700 से भी ज्यादा लोग सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर चुके हैं और आज भी ये काम जारी है आज का युवा भी सेना भी भर्ती होकर अपने देश की सेवा कर रहा है। Dainik Haryana News :#Indian Army News (नई दिल्ली) : इंडियन आर्मी (Indian Army)में भर्ती होने का सपना हर किसी का होता है। हर कोई चाहता है कि वो भी अपने देश की सेवा करे। लेकिन एक फौजी बनने के लिए कड़ी मेहनत की जरूत होती है और तब जाकर कहीं 3 से 4 साल बाद फौजी बनते हैं। हरियाणा को सैनिकों की धरती कहा जाता है और ना जानें कितने फौजी यहां से देश की सेवा कर रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां सबसे ज्यादा फौजी सेना में भर्ती हुए हैं। जी हां, उस गांव को फौजियों की खान भी कहा जाता है। आइए खबर में जानते हैं उस गांव के बारे में। READ ALSO :Haryanvi Chutkule:खुद भी हंसते रहना चाहिए और दूसरों को भी हंसाते रहना चाहिए

नूहं जिले का अजीना गांव :

यही वो गांव है जो नूहं जिले में पड़ता है और इसका नाम अजीना है। यहां के लोगों का फौज में जाने के लिए अलग ही जज्बा और जौश है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस गांव का इतिहास 700 साल पुराना है यानी ये गांव 700 साल पुराना है और इसमें आज भी सिर्फ 12 हजार लोग ही रहते हैं। बहुत सी वीरता की कहानी यहां आज भी लोगों की सुनाई जाती हैं। आइए जानते हैं उन वीरों की कहानियां।

मेजर रणसिंह(Major Ransingh):

READ MORE :PM Modi : महेंद्रगढ़ में अनेक स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने देखा प्रधानमंत्री का मेरा बूथ सबसे मजबूत संवाद प्रोग्राम मेजर रणसिंह (Major Ransingh)साल 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान लंबी लड़ाई लड़ी थी। इस गांव से 700 से भी ज्यादा लोग सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर चुके हैं और आज भी ये काम जारी है आज का युवा भी सेना भी भर्ती होकर अपने देश की सेवा कर रहा है। इतना ही नहीं अब तो लड़कियां भी देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती होने लगी हैं। अग्निवीर में भी 10 बच्चों का चयन हुआ है। आर्मी, सैनिक, अर्धसैनिक, नेवी आदि में यहां के बच्चे सेवाएं दे रहे हैं। इस गांव के युवा हर रोज सुबह और शाम दौड़ लगाने जाते हैं और आर्मी की तैयारी करते हैं। यहां के बच्चों को दौड़ करना इतना पसंद है कि वो दूसरा कोई काम नहीं करते हैं सिर्फ अपने देश की सेवा करने में ही ध्यान है। लोग बहुत कम हैं इस गांव में लेकिन दूसरे गांव के मुकाबले यहां पर शिक्षा, खेल और सभी तरह की चीजों की सबसे अच्छी सुविधा है जिससे बच्चों के भविष्य को चमकाने में मदद मिलती है। इस गांव में सरकार भी लोगों की सहायता करती है।