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 Jat Reservation Update : जाट आरक्षंण आंदोलन पर आया बड़ा अपडेट, चेक करें जरूर 

Jat Reservation In Haryana : हरियाणा जाट आंदोलन के दौरान जाट नेताओं पर भी मामले दर्ज हुए थे अब सरकार उन्हें वापस लेने पर विचार कर रही है। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार अर्जी दायर कर कोर्ट से इस बाबत इजाजत लेगी।
 
 Jat Reservation Update : जाट आरक्षंण आंदोलन पर आया बड़ा अपडेट, चेक करें जरूर 

Dainik Haryana News,Haryana Today News Hindi(नई दिल्ली): हाईकोर्ट(Highcourt Decision On Jat Reservation ) ने जाट आरक्षण को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है। मुरथल सामूहिक दुष्कर्म व राज्य में हिंसा के मामले की जांच की रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की गई है। पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने मामले की जांच के लिए आईजी अमिताभ ढिल्लों की एसआइटी से मामले की स्टेटस रिपोर्ट की थी।

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया है कि इस मामले को लेकर कुल 1015 केस दर्ज हैं जिनमें से सरकार 407 केस को वापस लेना चाहती है। पक्षों को सुनने के बाद कार्यवाहर चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया व जस्टिस लुपिता बनर्जी पर आधारित डिवीजन बेंच ने सवाल उठाया कि एक SIT 2 हजार के करीब मामले की जांच कर सकती है। कोर्ट ने सभी पक्षों को बहस के लिए चार सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।

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जाट नेताओं पर मामलों को वापस ले सकती है सरकार :

हरियाणा जाट आंदोलन के दौरान जाट नेताओं पर भी मामले दर्ज हुए थे अब सरकार उन्हें वापस लेने पर विचार कर रही है। मामले की सुनवाई के दौरान सरकार अर्जी दायर कर कोर्ट से इस बाबत इजाजत लेगी।हरियाणा जाट आरक्षंण के आंदोलन के दौरान वित्त मंत्री अभिमन्यु के घर पर तोड़-फोड व वाहन जलाने के आरोप में दिलावर सिंह पर केस दर्ज है जिसने हाईकोर्ट में जमानत की याचिका दर्ज की है। जमानत याचिका पर सुनावाई के दौरान हाईकोर्ट का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट इन मामलों का ट्रायल दिसंबर 2018 तक पुरा किए जाने के आदेश जारी कर चुके हैं। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केसों का ट्रायल नहीं हुआ पुरा : 

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फरवरी 2019 में हुई सुनवाई पर हाईकोर्ट ने जांच पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जाट आरक्षण आंदोलन  के दौरान हुई हिंस्सा, तोड़फोड़ के मामले में दिसंबर 2018 तक इन केस का ट्रायल पूरा करने के आदेश जारी किए गए थे, परंतु सुप्रीम कोर्ट ने इन आदेशों के बावजूद भी इन केसों का ट्रोयल पूरा नहीं किया है। फरवरी 2019 के बाद इस मामले में हाईकोर्ट में कोई ठोस सुनवाई नहीं हो पाई।

जाट आरक्षण आंदोलन(Jat reservation movement Update) के चलते मुरथल में सामूहिक दुष्कर्म व राज्य में हिंसा मामले में हाई कोर्ट 24 फरवरी 2016 को संज्ञान लेकर इस मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने सीबीआई(CBI) को ट्रायल कार्ट में चल रहे मामलों के स्टेटस की जानकारी हाईकोर्ट को दिए जाने के आदेश जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कोर्ट ने ट्रोयल को पूरा क्यों नहीं किया है इसके लिए भी सवाल पूछे गए हैं।