Kisan News : पांच दिन बाद भी नहीं हो रही गेहूं की खरीद शुरू, किसान परेशान
Apr 6, 2023, 11:16 IST
Kisan News : पहले ही हरियाणा में किसानों की फसल खराब हो चुकी है। बारिश की वजह से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। उसके बाद सरकार की और से आदेश जारी कर दिए हैं कि महीने की पहली तारीख से ही गेहूं की खरीद शुरू कर दी जाए लेकिन व्यापारी अभी भी गेहूं की ले नहीं रहे हैं और जो ले रहे हैं वो गहूं में नमी को बताकर किसानों को परेशान कर रहे हैं। Dainik Haryana News : Haryana News : सरकार की और से आदेश जारी कर दिए हैं कि महीने की पहली तारीख से ही गेहूं की खरीद शुरू कर दी जाए लेकिन व्यापारी अभी भी गेहूं की ले नहीं रहे हैं और जो ले रहे हैं वो गहूं में नमी को बताकर किसानों को परेशान कर रहे हैं। गेहूं की खरीद को लेकर बात करते हुए करनाल के डीएमयू ईश्वर सिंह राणा( DMU Ishwar Singh Rana) ने जानकारी देते हुए बताया है कि सिर्फ करनाल की मंडियों में ही 17 हजार क्विेंटल गेहूं आ चुकी है लेकिन अभी तक भी खरीद को शुरू नहीं किया गया है। व्यापारियों को कहना है कि अभी तक गेहूं में नमीं बताई जा रही है। करनाल जिले में सभी खरीद एजेंसियों ने आढ़तियों को जरूरत के हिसाब से बारदाना दे दिया है। READ ALSO :Funny Jokes: हंसी के फव्वारे लेकर आए हैं गेहूं की फसल में अब तक 16 परसेंट तक नमी है सरकारी मापदंड का कहना है कि गेहूं की खरीद के लिए 12 प्रतिशत की नहीं होनी चाहिए इससे ज्यादा होती है तो खरीद नहीं की जाएगी। किसानों का कहना है कि 1 अप्रैल से ही अपनी गेहूं लेकर मंडी में पहुंचे थे लेकिन खरीद शुरू करने के आदेश सरकार द्वारा जारी करने के 5 दिन बीत जाने के बाद भी गेहूं की खरीद शुरू नहीं हुई है। READ MORE : Indian Railway : यात्रियों की हुई मौज, महज 40 रूपये में रेलवे स्टेशन पर मिल रहा रूम किसानों का कहना है कि एक क्विेंटल गेहूं के लिए उनको 25 रूपये देने पड़ रहे हैं और रात के सयम में भी किसानों को अपनी फसल के पास रहना पड़ता है अगर नहीं रहते हैं तो आवारा पशु मंडी में आ जाते हैं और फसल को खाते हें। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। करनाल अनाज मंडी( Karnal Grain Market) में गेहूं की फसल लेकर पहुंचे किसानों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार को मौसम का मिजाज देखते हुए फसल की खरीद को कर लेना चाहिए और मापदंडों को भी छूट देनी चाहिए। ताकि किसानों को किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो और वो अपनी फसल को आसानी से बेच सकें और अपने घर को लौट सकें।