Health Advice : दिमाग हमारे शरीर का बहुत जरूरी हिस्सा हैं जिसके बिना हम कुछ भी नहीं कर सकते है। आज हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताने जा रहे है जिससे आपके दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है आइए जानते है उन आदतों के बारे में जिनसे हमारे दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
Dainik Haryana News, Health News(New Delhi ): हमारे शरीर के अंग हर उम्र में बदलते रहते है। अंगों में धीरे-धीरे यह बदलाव पूरे जीवन भर जारी रहता हैं। बाकि अंगों के साथ साथ दिमाग में भी बदलाव आता है। अगर आप चाहते हैं कि दिमाग में यह बदलाव समय से पहले न आएं तो तुरंत इन आदतों को छोड़ दें जो हम आपको बताने जा रहे है।
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40 साल की उम्र के बाद इंसान का दिमाग सिकुड़ना शुरू हो जाता है। मेडिकल साइंस की भाषा में इसे हिपोकैंपस कहते है। दिमाग अचानक एक दम से नही सिकुड़ता है। यह एक दिन या एक विक में नही सिकुड़ता है। यह धीरे धीरे सिकुड़ता हैं। कुछ लोगों को यह प्रक्रिया समय से पहले शुरू हो जाती हैं। 50-60 साल की उम्र के बाद यह तेजी से सिकुड़ने लगता हैं। गलत लाइफस्टाइल के कारण दिमाग जल्दी सिकुड़ने लगता है।
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नशा करने से
जो व्यक्ति किसी भी प्रकार का नशा करते है। उनका दिमाग समय से पहले सिकुड़ना शुरू हो जाता है। जो व्यक्ति शराब पीते है या अन्य किसी प्रकार का नशा करते है उनको हिपोकैंपस की समस्या हो जाती हैं। दिमाग में संकुचन होता है और व्यक्ति पर इसका बहुत बुरा असर पड़ता है।
फोन या इंटरनेट की लत
जो लोग फोन का अधिक मात्रा में उपयोग करते है उनका दिमाग वक्त से पहले सिकुड़ना शुरू हो जाता हैं। साइंटिफिक अमेरिकन द्वारा एक शोध किया गया है जिसमें पाया गया है कि इंटरनेट और मोबाइल फोन के आदी लोगों का दिमाग तेजी से सिकुड़ता हैं। हमारे शरीर के लिए तनाव सबसे खतरनाक है। जब व्यक्ति तनाव में होता है तो वह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाता है। तनाव के कारण उसका दिमाग भी सिकुड़ जाता हैं। जो व्यक्ति तनाव में रहता है उसे चीजों को याद रख पाने में कठिनाई महसूस होती हैं। हर बात के लिए दिमाग पर जोर देना पड़ता हैं।
पीठ दर्द
जिन लोगों की पीठ दर्द करती हैं और यह दर्द कभी कभी अधिक होता है तो इसका असर उनके दिमाग पर भी होता है। ऐसे लोगों में दिमाग सिकुड़ने का अनुपात 11 फीसदी होता हैं।