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Indias Fevicol Man: कहानी फेविकोल मैन की, जिसने खड़ी कर दी करोडों की कंपनी

 
Indias Fevicol Man: कहानी फेविकोल मैन की, जिसने खड़ी कर दी करोडों की कंपनी
Success Story: बलवंत राय पारखे, जिनहे आज फेविकोल मैन के नाम से भी जाना जाता है। इनकी कहानी बड़ी ही रोचक है। बहुत से मोड़ आए लेकिन पारखे ने हार नहीं मानी और लिख दी अपनी सफलता की कहानी। तो चलिए शुरू करते हैं Indias Fevicol Man की कहानी। Dainik Haryana News: Success Story Fevicol Man(ब्यूरो): फेविकोल जिसे मजबूत जोड़ के लिए जाना जाता है। हर घर की जरूरत बन चुका है फेविकोल। हर घर में कहीं ना कहीं फेविकोल का इस्तेमाल जरूर होता है। साल 1959 में शुरू की गई कंपनी पिडिलाइट जिसमें बनाए गए प्रोडकट को नाम दिया गया फेविकोल। सलमान खान भी अपने गाने में फेविकोल का नाम ले चुके हैं और फेविकोल के जोड़ को लेकर और भी बहुत से बड़े-बड़े लोग जिक्र कर चुके है।

कैसे हुई फेविकोल की शुरुआत

जब बलवंत राय पारखे एक लकड़ी के व्यापारी के साथ काम कर रहे थे तो उनहोंने देखा की लकड़ी को चिपकाने वाला गोंद बेहद ही भारी और लचीला था जिसे बढ़ई को उसे संभालने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। Read Also: Tata launch Tata Harrier Mini 2023: बाजार में गदर 2 की तरह गदर मचा दिया Tata Harrier मिनी ने काम करने में ज्यादा समय लग रहा था। और यह गोंद इतना मजबूत भी नहीं था। ये गोंद जानवरों की हड्डी वगेरा से बनाया जाता था, जिसकी वजह से ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल करने से कतराते थे। बलवंत राय पारखे ने पिडिलाइट में फविकोल बनाया जो किसी पशु की खाल से नहीं बना था बल्कि एक सिंथेटिक राल से वेजिटेरियन गोंद बना था। धीरे-धीरे कंपनी ने अपने फेविकोल की पहचान बनाने के लिए टीवी में मसहूरी का सहारा लिया तथा और भी कई जगह फैविकोल की एड देकर फेविकोल का नाम बनाया और इसे घर-घर की जरूरत बनाया। Read Also: Indian Railway : राजस्थान की ट्रेन पकड़ने के लिए नहीं जाना होगा दिल्ली, यहां से लें ट्रेन धीरे-धीरे कंपनी नाम कमाती चली गई और आज इसका टर्नओवर कई हजार करोड़ का बन गया है। आज कल हर एक लकड़ी के काम में फेविकोल का इस्तेमाल चिपकाने के लिए होता है। और भी बहुत से कामों में फेविकोल का इस्तेमाल होता है। अच्छी एडवरटाइजिंग और मेहनत के कारण आज कंपनी शिखर को छु रही है।