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International Gita Mahotsav : आज भी देखने जा रहे हैं अंतर्रास्ट्रीय गीता महोत्सव, इन चीजों के जरूर करें दर्शन

 
International Gita Mahotsav : आज भी देखने जा रहे हैं अंतर्रास्ट्रीय गीता महोत्सव, इन चीजों के जरूर करें दर्शन
International Gita Mahotsav 2023 : हर साल दिसंबर महीने में हरियाणा के कुरूक्षेत्र में गीता महोत्सव का मंच लगता है। अगर आप भी इसे देखने के लिए जा रहे हैं तो कुछ ऐसी चीजों के बारे में हम बताने जा रहे हैं जिन्हें जरूर आपको देखना चाहिए और कुछ बातें ऐसी हैं जिनका ध्यान जरूर रखना है। आइए जानते हैं इनके बारे में। Dainik Haryana News,International Gita Mahotsav 2023 Last Date(New Delhi): हरियाणा के कुरूक्षेत्र में गीता महोत्सव का मंच देश का शिल्पकला और संस्कुति का मुख्य केंद्र बन चुका है। हर साल इस गीता महोत्सव में करोड़ों लोग शिल्पकला और लोक संस्कृति को देखने के लिए आते हैं और आनंद लेते हैं। इस अनोखे संगम से ब्रह्मसरोवर की फिजा भी महक उठी है। यह महक देश के कोने-कोने तक पहुंच चुकी है और इस महक से रोजाना हजारों लोग ब्रह्मसरोवर के तट पर खिंचे चले आते है। आपकी जानकारी के लिए बता दें गीता महोत्सव को 48 कोस के 164 तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। READ ALSO :Sonipat News : सोनीपत में गांव के सरपंच को गोलियों से किया छल्ली, ये थी मारने की वजह

आज है मेले का चौथा दिन?

गीता महोत्सव 2023 के शिल्प और सरस मेले का और चौथा दिन है, हर रोज हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पर पहुंच रहे हैं और ब्रह्मसरोवर के घाटों पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला का आनंद ले रहे हैं। वहां पर बेहतरीन प्रस्तुतियां दी जा रही हैं, कहीं पर हरियाणवी तो कहीं पर राजस्थानी, हिमाचली, पंजाबी आदि सभी राज्यों की प्रस्तुतियां वहां पर दिखाई जा रही हैं। इस लोक संस्कृति का आनंद लेने के साथ-साथ लोग ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ एनजेडसीसी और डीआरडीए की तरफ से लगे सरस और शिल्प मेले में अनोखी शिल्पकला को भी खूब निहार रहे है। दोस्तों इस साल गीता महोत्सव में 750 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं जिसमें राज्य अवार्डी शिल्पकारों को भी शामिल किया गया है। इस बार जो भी प्रमुख कार्यक्रम हैं वो पुरूषोत्म बाग में किए जाएंगे जो 17 से लेकर 24 दिसंबर तक किए जाएंगे। एनजेडसीसी की तरफ से पंजाब का लड्डी, हिमाचल का किल्लू नाटी, जम्मू का राउफ, उत्तराखंड का छापली नृत्स से कलाकार पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। राजस्थान और पंजाब से बाजीगर कच्ची घोड़ी के कलाकरों ने लोगों का मनोरंजन इतना ज्यादा किया है कि लोग उन्हें देखने के लिए कई तो दो बार भी आ चुके हैं। READ MORE :Today Rasifal : इस सप्ताह इन राशियों को मिलेगा धन, जान ले अपना राशिफल हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल के साथ-साथ कई अन्य राज्यों की लोक संस्कृति इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देखने को मिल रही है। जब इन लोग कलाकारों द्वारा ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर अपनी प्रस्तुति दी जाती है तो वहां पर देखने वाले लोग भी अपने आप ही डांस करने लग जाते हैं। ऐसी अद्भुत संगीतमय लोक संस्कृति, इस महोत्सव में आने वाले सभी पर्यटक यहां पर आने के लिए उतावले रहते हैं और कई लोग ऐसे हैं जो हर साल यहां पर आते हैं।