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Kisan : किसानों की खेती के लिए सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

 
Kisan : किसानों की खेती के लिए सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
PM Yojana : बदलते मौसम के अनुसार पौधो में कई तरह की बीमारियां लगने लगती हैं। ऐसे में बाग वाले किसान फलदार पौधों में लक्षणों की पहचान करके समय पर बीमारियों का उपचार करें। Dainik Haryana News,PM Scheme(चंडीगढ़): यह जानकारी देते हुए जिला उद्यान अधिकारी प्रेम कुमार ने बताया कि संतरा व माल्टा में कोढ़ से पत्तो, टहनियों और फलों पर गहरे रंग के खुरदरे धब्बे पड़ जाते हैं। किसान ऐसे वाले भाग को कुरेद कर साफ करें। बोर्डो पेस्ट लगाएं। इसी प्रकार एक सप्ताह बाद दोबारा पेस्ट लगाएं। बेर का सफेद चूर्णी रोग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस रोग से फल पर सफेद सा पाउडर जम जाता है। फलों का आकार छोटा रह जाता है व फलों की सतह खुरदरी हो जाती है। इससे पैदावार में भारी कमी हो जाती है। इस तरह की बीमारियों से नियन्त्रण पाने के लिए कैराथेन का पहला छिड़काव फूल निकलने से ठीक पहले और दूसरा जब फल मटर के दाने के बराबर हो जाएं तब करें। इसके बाद पुन 15 दिन के अन्तराल पर 2 छिड़काव और करें। उन्होंने बताया कि सफल नियन्त्रण के लिए सभी फलों का फफूंदनाशक घोल से तर हो जाना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने बताया कि यदि कैराथेन उपलब्ध न हो तो 0.2 प्रतिशत सल्फेक्स का छिड़काव किया जा सकता है। READ ALSO :Today Weather : मौसम जल्द लेने वाला है करवट उन्होंने बताया कि अनार के पौधों में स्वाभाविक काट-छांट की आवश्यकता नहीं होती केवल शक्ल और आकार देने के लिए ही काट-छाटं की जाती है लेकिन आगे के भाग को ज्यादा काटने से फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है और पत्तो की ज्यादा बढ़वार हो जाती है। अन्दर वाले भाग में फल नहीं लगते। अच्छा आकार और फसल लेने के लिए प्रत्येक वर्ष नई शाखाएं पौधों के चारों तरफ लेनी चाहिए। उपायुक्त मोनिका गुप्ता आईएएस ने बताया कि बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बागवानी बीमा योजना चलाई जा रही है। इसमें इच्छुक किसान(Kisan ) MBBY.HORT Haryana.gov.in इन पर पंजीकरण करवाएं।उन्होंने बताया कि बागवानी किसानों को विभिन्न कारणों से भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है। READ MORE :Railway News : प्लेटफाॅर्म टिकट कितने समय तक वैलिड रहता है फसलों में ओलावृष्टि, पाला, बाढ़, बादल फटना, आंधी तुफान, ज्यादा तापमान व सूखा जैसी आपदाओं से उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ा है लेकिन योजना के तहत सब्जियों फल और मसाले की फसलों सुरक्षा कवच उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस योजना के तहत फलों की खेती पर 40 हजार रूपए प्रति एकड़, सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रूपए प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा। इसके लिए किसान को फलों की खेती पर 1000 रूपए प्रति एकड़ एवं सब्जियों व मसालों पर 750 रूपए प्रति एकड़ का प्रीमियम भुगतान करना