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Kisan News : किसान अपनी फसल के लिए दानेदार यूरिया को छोड़, इस खाद का करें इस्तेमाल

 
Kisan News : किसान अपनी फसल के लिए दानेदार यूरिया को छोड़, इस खाद का करें इस्तेमाल
Govt. Scheme : किसान अपनी फसलों में दानेदार यूरिया की जगह नैनो तरल यूरिया का प्रयोग करें। नैनो तरल यूरिया से न सिर्फ उत्पादन बढ़ता है बल्कि फसल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। Dainik Haryana News,Kisan Yojana (चंडीगढ़): यह जानकारी देते हुए उपायुक्त मोनिका गुप्ता (IAS) ने बताया कि नैनो तरल यूरिया यानि आधा लीटर की शीशी में वो खाद जो एक बोरी यूरिया से कहीं ज्यादा काम करती है। विशेषज्ञों के मुताबिक नैनो तरल यूरिया से न सिर्फ उत्पादन बढ़ता है बल्कि फसल की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। नैनो तरल यूरिया, दानेदार यूरिया से सस्ती भी है। नैनो तरल यूरिया उपज की गुणवत्ता बढ़ाने का एक साधन है। साथ ही इससे खेती की लागत में भी कमी आती है। फसलों में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए किसान यूरिया का इस्तेमाल करते हैं लेकिन अभी तक यूरिया सफेद दानों के रुप में उपलब्ध थी जिसका इस्तेमाल करने पर आधे से भी कम हिस्सा पौधों को मिलता था बाकि जमीन और हवा में चला जाता था। READ ALSO :Delhi Earthquake: एक बार फिर से दिल्ली में भूकंप ने दी दस्तक, अन्य कई शहरों में भी महसूस किए गए उन्होंने बताया कि भारत नैनो तरल यूरिया को लॉन्च करने वाला पहला देश है। मई 2021 में इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-आपरेटिव लिमिटेड इफको ने इसे लॉन्च किया था। इससे पहले नैनो तरल यूरिया को 94 से ज्यादा फसलों को पूरे देश में 11 हजार कृषि क्षेत्र परीक्षण एफएफटी पर परीक्षण किया गया। इसके बाद आम किसानों को दिया गया है। इफको के मुताबिक धान, आलू, गन्ना, गेहूं और सब्जियों समेत सभी फसलों में इसके बेहद अच्छे परिणाम मिले हैं। डीसी ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार नैनो तरल यूरिया के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा है कि धान, गेहूं, तिलहन और सब्जियां जो भी उगाई जाती हैं उनकी क्वालिटी बढ़ती है। आधा लीटर यूरिया की शीशी पूरे एक एकड़ खेत के लिए काफी है। साथ में इसका प्रयोग करने से पर्यावरण, जल और मिट्टी में जो प्रदूषण हो रहा है वो नहीं होगा। नैनो तरल यूरिया का उपयोग हम फसल की पत्तियों पर छिड़काव के माध्यम से करते हैं। छिड़काव के लिए एक लीटर पानी में 2 से 4 मिलीलीटर नैनो यूरिया मिलाना होता है। यानि जो 15 लीटर की टंकी होती है फसल की जरुरत के अनुसार 30 से 60 मिलीलीटर मिलाना होता है। एक फसल में दो बार नैनो यूरिया का छिड़काव करना चाहिए। वैज्ञानिकों के मुताबिक नैनो तरल यूरिया के कणों का साइज इतना कम है कि ये पत्ती से सीधे पौधे में प्रवेश कर जाता है। READ MORE :Railway Line Cost Per km : बाप रे! 1 KM रेल की पटरी बिछाने में आता है इतना खर्च वैज्ञानिक बताते हैं जब हम पत्तियों पर इसका छिड़काव करते हैं तो सारा का सारा नाइट्रोजन पत्तियों को स्टोमेटा और फ्लोएम है उससे इसकी साइज बहुत छोटी रहती है तो जिससे सीधे ये पत्तियों में प्रवेश हो जाता है। और पौधे की जरुरत के अनुसार नाइट्रोजन को रिलीज करता है। जबकि दानेदार यूरिया का नाइट्रोजन सिर्फ एक हफ्ते तक काम में आता है।