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Mercury Planet : क्या अब बुध ग्रह पर रह सकेंगे इंसान? मिल गई ये चीज

 
Mercury Planet : क्या अब बुध ग्रह पर रह सकेंगे इंसान? मिल गई ये चीज
Mercury Planet : बुध ग्रह के बारे में एक रिसर्च किया गया है जिसमें हैरान कर देने वाली चीज सामने आई है। इसे देखकर बताया जा रहा है कि अब बुध ग्रह पर इंसान बस सकते हैं। बुध ग्रह की सतह पर नमकीन ग्लेशियर मिले हैं जिसके बाद अब माना जा रहा है कि बुध ग्रह पर जीवन संभव हो सकता है। Dainik Haryana News, Life Posible At Mercury Planet(New Delhi): ग्रह वैज्ञानिकों ने बुध के उत्तरी ध्रव के पास नमकीन ग्लेशियर की खोज की है। नमकीन ग्लेशियरों का मिलना इशारा करता है कि बुध ग्रह पर भी जीवन का स्वरूप संभव हो सकता है। लेकिन इस पर जीवन संभव हो सकता है इतनी जल्दी कहना ठीक तो नहीं है लेकिन फिर भी संभावनाएं जताई जा रही हैं। द प्लैनेटरी साइंस जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुख्य अध्ययन लेखक एलेक्सिस रोड्रिग्ज ने इस रिसर्च पर कहा, हाल ही के शोध दर्शाते हैं कि प्लटो में नाइट्रोजन ग्लेशियर है जिसका मतलब हिमनद घटना हमारे सौर मंडल के अंदर गर्म से लेकर सबसे ठंडे तक फैली हुई है। READ ALSO :Haryana Roadways : हरियाणा रोडवेज की बसों का नया टाइम टेबल जारी, चेक कर लें लिस्ट एस्टेरॉयड की की तरफ से पता चला है कि एरिजोना ग्रह विज्ञान संस्थान में ग्रह वैज्ञानिकों एलेक्सिस रोड्रिग्ज करते हैं कि बुध रेडिटलाडी और एमिनेस्कु क्रेटर में पाएजाने वाले साल्टी ग्लेशियन उन विशिष्ट हिमखंड़ों की तरह नहीं है, जो धरती पर जाए तो हैं। वह नमक के प्रवाह हैं जो बुध की सतर के नीचे वाष्पशली यौगिकों को फंसा देते हैं। भूविज्ञान की दृष्टि से वाष्पशील पदार्थ वे रसायन हैं जो किसी ग्रह पर आसानी से वाष्पित हो जाते हैं- जैसे पानी, कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन। एस्टेरॉयड के प्रभाव से बुध के विचित्र नमक खंड़ो को पता चला है और वैज्ञानिकों ने इन्हें गडढों में खोज निकाला है। सूर्य के पास होने की वजह से बुध पर ग्लेशियर का होना काफी हैरान कर देने वाला है। बुध ग्रह पृथ्वी की तुलना में सूरज से 2.5 गुना ज्यादा पास है।उस छेटी सी दूरी पर चीजें बहुत ज्यादा गर्म होती हैं और रिपोर्ट का कहना है कि एक अरब साल से ज्यादा तक अपनी अस्थिरता को संरक्षित कर सकता है। बुध का नमकीन भंडार विशिष्ट हिमखंडों या आर्कटिक ग्लेशियरों के अनुरूप नहीं है। READ MORE :Haryana News : हरियाणा की बेटी 6वीं रैंक के साथ हिमाचल में बनी जज भूवैज्ञानिकों को इस बात का अच्छा अंदाजा है कि ये वातावरण कैसा है- और क्या वहां जीवन उभर सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती पर विशिष्ट नमक यौगिक कुछ सबसे कठार वातावरणों में रहने के योग्य बनाते हैं जैसे चिली में शुष्क अटाकामा रेगिस्तान है यह हमें बुध पर संभावना पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है जो इसकी कठोर सतह की तुलना में और अच्छे हो सकते हैं।