Haryana Violence: नूंह हिंसा को लेकर प्रसासन एक्शन में दिखाई दे रहा है। लगातार बुलडोजर की कार्यवाही हो रही है और 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, प्रसासन किसी भी प्रकार से माफी के मुंड में नजर नहीं आ रहा।
Dainik Haryana News: Gurugram Violence(ब्यूरो): 31 जुलाई को नूंह में हो रही भगवा यात्रा जिसमें 20 हजार के करीब लोग थे। यात्रा पर अचानक से पत्थर डंडे बरसने लगे जिसकी वजह से चारों और भगदड मच गई। ताजा जानकारी के अनुसार दंगों में 6 लोगों की जान चली गई जिसमें 2 होमगार्ड भी शामिल हैं जो अपनी डयूटी कर रहे थे। बहुत से यात्रा में हिस्सा लेने वाले लोग तथा पुलिस के जवान जो उस समय ड्यूटी पर तैनात थे घायल हुए हैं। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने इसे एक सोची समझी साजिश बताया है। अनिल विज का कहना है कि बिना तैयारी के एक दम से इतना सब कुछ नहीं आता है।
Read Also: Anju Pakistan News: पाकिस्तान पहुंची अंजु पर वहां की सरकार मेहरबान वीजा का समय बढ़ाकर की अपनी मनसा साफ पुलिस प्रसासन पुरे एक्सन में दिख रहा है, नलहड शिंव मंदिर जहां से यात्रा शुरू हुई थी उसके पिछे की 5 एकड़ जमीन को खाली करवाया गया है।
नूंह हिंसा के बाद गुरुग्राम में भी दंगाईयों ने कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया था, जिसके चलते गुरूग्राम के 2 बड़े अफसरों को तबादला कर दिया गया है, इनमें पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला और डिप्टी कमिश्नर प्रशांत पवार शामिल हैं। वहीं एक सीनियर अफसर का कहना है कि हिंसा से तोडफोड की कार्यवाही का कोई लेना देना नहीं।
स्थानिय निवासी आस मोहम्मद के घर पर चला बुलडोजर
आस मोहम्मद ने मीडिया को बताते हुए कहा की जब उनका घर तोड़ा गया तो उनको इस कार्यवाही के लिए वन विभाग दवारा आधे घंटे पहले ही नोटिस भेजा गया था। उनके कुछ समझने से पहले ही उनका घर तोड़ दिया गया। आस मोहम्मद का कहना है कि वन विभाग दवारा उनके पास नोटिस भेज 2 दिन के अंदर कार्यवाही करने को कहा था, लेकिन वन विभाग आधे घंटे बाद ही बुलडोजर के साथ कार्यवाही करने के लिए आ पहुंचा।
Read Also: Iphone 15 लॉन्च होने से पहले Iphone 14 के दामों में तगड़ी गिरावट! खरीदने के लिए ग्राहकों की लगी लाइन जबकी एक चर्चित अखबार की रिपोर्ट के अनुसार नोटिस पर 30 जून की तारीख लिखी थी। नोटिस पर लिखा था के आप बन विभाग की जमीन पर गैर वन कार्य कर रहे हैं। आपको नोटिस प्राप्त होने के 7 दिन तक अपना जवाब देना है। इस कार्यवाही पर जब वन विभाग के अधिकारी से पुछा गया तो उनकी और से कोई जवाब नहीं आया।