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High Court: हाई कोर्ट ने अधिकारी की बर्खास्तगी को बताया गलत, 30 साल के वेतन-पेंशन का हिसाब दे पंजाब सरकार

 
High Court: हाई कोर्ट ने अधिकारी की बर्खास्तगी को बताया गलत, 30 साल के वेतन-पेंशन का हिसाब दे पंजाब सरकार
Punjab-Haryana High Court: हाईकोर्ट ने एक जबरदस्त फैसला सुनाया जहां देश के जवान को 30 साल बाद इंसाफ मिला। हाईकोर्ट ने अफसर की बर्खास्तगी को अवैध बताते हुए पंजाब सरकार को 30 साल का वेतन और पेंशन देने का आदेश दिया। अफसर को बर्खास्त करते हुए नियमों और कानूनों का पालन नहीं किया गया जिसके चलते 30 साल बाद एक जवान ने न्याय पाया। Dainik Haryana News:Punjab News(नई दिल्ली): 1995 से हाईकोर्ट में चल रहा था केस और अब जाकर मिला न्याय। याचिका दायर करते हुए संगरूर निवासी रामेश्वर ने बताया की वह 1962 से 1970 तक भारतीय सेना में थे। इसके बाद साल 1974 में उन्होंने पंजाब सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग (Food and Supplies Department)में ज्वॉइन किया। इसके बाद डेपुटेशन पर पंजाब स्टेट्स सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन( Civil Supplies Corporation) में इंस्पेक्टर के तौर पर संगरूर के लहरागागा में जिम्मा संभाला। 1984 में वापीस उनको मूल विभाग में भेज दिया गया। Read Also: Realtionship Tips : 90 प्रतिशत लोग नही जानते पति-पत्नि के बीच कितना होना चाहिए ऐज गैप इसके बाद 1986 में कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनको ससपेंड कर दिया गया। रामेश्वर पर आरोप लगाया की उनकी देखरेख में 12850 क्विंटल अनाज कम हो गया। इसके बाद रामेश्वर को दोषी पाते हुए 1993 में बर्खास्त कर दिया गया।

हाईकोर्ट ने माना इसे गलत

हाईकोर्ट में यह मामला 1995 से विचाराधीन था। 30 साल बाद इसपर फैसला आया और रामेश्वर के हक में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए रामेश्वर के बर्खास्त करने की प्रतिकिर्य सही नहीं थी और इनको बर्खास्त करते हुए न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं किया गया। Read Also: Salaar Box office Collection Day-4: चार दिन की कमाई से ही सालार ने तोड़े कई रिकार्ड, डंकी से निकली बहुत आगे हाईकोर्ट ने 1993 से लेकर 2003 तक का वेतन और सस्पेंशन समेत सभी सुविधाओं को देने का आदेश पंजाब सरकार के लिए जारी किया है। रामेश्वर ने 30 साल बाद न्याय की जंग जीत ली। हाईकोर्ट ने रामेश्वर के बर्खास्त करने के आदेश को अवैध मानते हुए रिटायरमेंट तक का वेतन और सभी सुविधाएं तथा पेंशन का लाभ देने का आदेश जारी किया।