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Lok Sabha Election : उत्तर भारत में बीजेपी हावी, आसान नहीं होगा इस साल का चुनाव
 

Lok Sabha Election 2024 : साल 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी 303 सीटें जीतने के बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश व केरल में अपनी वोट नहीं हासिल कर पाई थी। पुडुुचेरी में एक सीट से हार मिली थी और इस बार उत्तर भारत में बीजेपी विपक्ष पर हावी दिख रही है परंतु, दक्षिण भारत के विपक्ष में ध्वस्त करना उसके लिए आसान नहीं होगा। 
 
Lok Sabha Election : उत्तर भारत में बीजेपी हावी, आसान नहीं होगा इस साल का चुनाव

Dainik Haryana News,Lok Sabha Election Date 2024(ब्यूरो):  दक्षिण के राज्यों में भाजपा सिर्फ कर्नाटक में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रही थी, जहां वह 28 में से 25 सीटें जीतने में सफल रही थी। एक सीट उसके समर्थित उम्मीदवार को मिली थी। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों मिली हार के बाद भाजपा के लिए 2019 की जीत को दोहराना अब आसान नहीं होगा।


बीजेपी जेडीएस के साथ समझौता कर और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विरेंद्र को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर जातीय व सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश की जा रही है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार विस चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लोस चुनाव में दोहराने की कोशिश में हैं।

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तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश :

तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश की राजनीति बीजेपी सहयोगी दलों के सहारे चलती रही है, परंतु पिछले लोकसभा चुनाव से पहले आंध्र प्रदेश में तेदेपा व इस बार तमिलनाडु एआइडीएमके बीजेपी का साथ छोड़ चुकी है। तेदेपा राजग में वापसी की कोशिश कर रही है और उसके प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की बीजेपी शीर्ष नेताओं से बात हो चुकी है।  केरल में भाजपा की स्थिति सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण है। अकेले दम पर भाजपा आज तक खाता नहीं खोल सकी है। भाजपा ने इस बार ईसाई समुदाय को जोड़ने की कोशिश जरूर की है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी को पार्टी का राष्ट्रीय सचिव भी बना दिया है।


एआइएडीएमके के बाहर होने के बाद भाजपा तमिलनाडु में अकेली रह गई है। पिछले दिनों उसने तमिल मनीला कांग्रेस के साथ समझौता जरूर किया है, पर उसका प्रभाव नतीजों में कितना पड़ेगा, यह देखना होगा। वैसे भाजपा तमिलनाडु में पैर जमाने को लगातार कोशिश कर रही है।
तमिल-काशी संगमम, सौराष्ट्र-तमिल संगमम और सेंगोल को नई संसद में स्थापित कर भाजपा ने तमिलनाडु की जनता को जोड़ने का प्रयास किया। इसके अलावा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अन्नामलाई सभी 236 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर जनसमर्थन जुटाने का भी प्रयास कर रहे हैं। 2019 में डीएमके व कांग्रेस गठबंधन तमिलनाडु में 39 में से 38 सीटें जीतने में सफल रहा था।

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17 सीटों वाले तेलंगाना में 2019 में भाजपा अपने दम पर चार सीटें जीतने में सफल रही थी, जो कांग्रेस से एक सीट ज्यादा है। इसके बाद भाजपा को बीआरएस के खिलाफ प्रमुख विपक्षी दल के रूप में देखा जाने लगा था, पर तीन महीने पहले हुए विस चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज भाजपा को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। कांग्रेस लोस चुनाव में भी भाजपा के लिए चुनौती पेश कर सकती है। ऐसे में भाजपा के लिए 2019 के परिणाम को दोहराना आसान नहीं होगा।