Dainik Haryana News

Prabhu Ram Sister story : भगवान राम की थी एक बहन, जानें रामायण में क्यों नहीं मिलता उनका उल्लेख

 
Prabhu Ram Sister story : भगवान राम की थी एक बहन, जानें रामायण में क्यों नहीं मिलता उनका उल्लेख
Sister of Shri Ram : रामायण तो हर किसी को देखी ही होगों, रामायण में भगवान राम के माता-पिता, भाइयों और पत्नी सीता को लेकर अनेक कथाओं का जिक्र रामायण में किया जाता है लेकिन भगवान राम के परिवार में एक सदस्या ऐसी है, जिनका जिक्र रामायण में  कभी नहीं हुआ है आइए जानते है। Dainik Haryana News, Prabhu Ram Sister story(NewDelhi):मर्यादा पुरूषोत्तम राम के गुणों,पिता के वचन को निभाने के लिए उनके द्वारा निभाए वनवास समेत विभिन्न घटनाओं का रामायण में विस्तार उल्लेख किया गया है। इसमें भगवान राम के सभी सदस्यों, वनवास के दौरान वे किन लोगों से मिले, लंका पर विजह करने जैसी उनके जीवन की तमाम घटनाओं के बारे में बताया गया है। लेकिन भगवान राम के जीवन से जुड़ा एक किरदार भी है। जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। ना इस किरदार के बारे में रामायण में उल्लेख मिलता है। ये किरदार है भगवान राम की बड़ी बहन शांता राजा दशरथ की एकमात्र बेटी शांत को लेकर कुछ कथाएं प्रचलित हैं। Read Also : RBI ने इन 3 बैंकों को लेकर की बड़ी घोषणा, आपका भी है खाता तो जरूर जान लें

कौशल्या ने दिया था पुत्री को जन्म:

पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा दशरथ की तीन रानियां थीं। पहली रानी कौशल्या, दूसरी रानी सुमित्रा और तीसरी रानी कैकेयी थीं। भगवान श्री राम रानी कौशल्य के पुत्र थे। लेकिन राम से पहले कौशल्य ने एक पुत्री शांता को जन्म दिया था। शांता चारों •ााइयों से बड़ी थीं। और कला तथा शिल्प में पारंगत थीं शांता बहुत ही सुदर भी थी। लेकिन शांता का जिक्र रामायण में नहीं मिलने के पिछे एक खास कारण था।

इसलिए नहीं मिलता शांता का उल्लेख:

दरअसल, राजा दशरथ और रानी कौशल्या की बेटी शांता अपने परिवार के साथ ज्यादा समय तक रही ही नहीं. इसके चलते उनका रामायण में जिक्र नहीं मिलता है. इसके पीछे भी एक वजह है. कथाओं के अनुसार रानी कौशल्या की बड़ी बहन वर्षिणी लंबे समय से नि:संतान थीं. शांता के जन्म के बाद एक बार वे अपनी बहन कौशल्या से मिलने आईं. तब उन्होंने शांता को देखकर कहा कि बच्ची बहुत प्यारी है, क्या वे उसे गोद ले लें. इस वाक्य को सुनकर राजा दशरथ ने उन्हें बेटी को गोद देने का वचन दे दिया. रघुकुल इस बात के लिए हमेशा से विख्यात रहा है कि 'प्राण जाए पर वचन ना जाए' तो राजा दशरथ ने अपना वचन निभाते हुए अपनी बेटी को गोद दे दिया. बता दें कि वचन निभाने के लिए प्रभु राम को 14 वर्ष का वनवास काटना पड़ा था. उनके पिता दशरथ ने अपनी पत्नी रानी कैकेयी को वचन दिया था कि वे उनसे कभी भी 2 बातें मनवा सकती हैं और इसी का फायदा उठाते हुए कैकेयी ने राम को वनवास और अपने पुत्र भरत के लिए राजगद्दी मांग ली थी. Read More : Ind vs Sa Test Highlight: भारत को मिली करारी हार के बाद, फिर टूटी उम्मीद

शांता का विवाह श्रृंगी ऋषि से हुआ था:

कथओं के अनुसार भगवान श्रीराम की बडी बहन का विवाह श्रृंगी ऋषि के साथ में हुआ था। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में श्रृंगी ऋषि का मंदिर भी है जहां ऋषि श्रृंगी और शांता की पूजा की जाती है।