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Shardiya Navratri : क्यों मनाए जाते हैं शारदीय नवरात्रि?

 
Shardiya Navratri : क्यों मनाए जाते हैं शारदीय नवरात्रि?
Shardiya Navratri Update : आज से शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुके हैं। इस दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि को क्यों मनाया जाता है और इसकी क्या मान्यता है। आइए जानते हैं इसके बारे में। Dainik Haryana News,Shardiya Navratri Date(चंडीगढ़): हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का खास महत्व होता है। इस पावन अवसर पर मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इस दौरान 9 दिन मां दुर्गा धरती को अपना मायका मानकर यहां 9 दिन रहने के लिए आती हैं। शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक चलेगी उसके बाद दशहरा होगा। 9 दिन माता रानी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। अगर आप सच्चे मन से माता की पूजा करते हैं तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सच्चे मन से की गई पूजा फल जरूर देती है। READ ALSO :Oil Price : त्योहारी सीजन में तेल की कीमतों में बदलाव, जानें तेल महंगा हुआ या सस्ता?

जानें शारदीय नवरात्रि का महत्व?

साल में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है। दो बार गुप्त नवरात्रि और चैत्र व शारदीय नवरात्रि मनाए जाते हैं। शारदीय नवरात्रि की महत्व काफी ज्यादा मानी गई है और मां दुर्गा की पूजा भी। इस दौरान माता की पूजा बड़े की धूम धाम से की जाती है। हर रोज सुबह स्रान कर माता की पूजा की जाती है और शारदीय नवरात्रि के पीछे दो पौराणिक कथाएं हैं। पहली : महिषासुर नाम का एक राक्षस ब्रह्मा जी की आराधना करते हुए उन्हें प्रसन्न किया, जिसमें उसने ब्रह्मा जी से वरादान मांगा कि उसे दुनिया में कोई देव, दानव, या मनुष्य ना मार सके। इसके बाद उसे सभी लोक में तबाही मचा दी थी। इस दौरान मां दुर्गा और राक्षस महिषासुर का नौ दिनों तक युद्ध हुआ। इसके दसवं दिन मां ने उसका वध कर दिया था। READ MORE :Delhi News : मिलावट पकड़ी जाने पर दिल्ली में आज ये इस दूध की स्पलाई बंद? दूसरी : कथा की बात की जाए तो भागवान राम लंका पर माता सीता को बचाने के लिए आक्रमण करने जा रहे थे, उससे पहले उन्होंने मां दुर्गा की पूजा करी थी। नौ दिनों तक रामेश्वर में भगवान राम ने माता की पूजा अर्चना की, इसके बाद मां उनसे खुश् हुई और जीत का आशीर्वाद दिया। तब जाकर दसवें दिन राम जी ने रावण का वध कर दिया और विजय प्राप्ती की. तब से ही विजयदशमी का त्योहार मनाया जाने लगा.