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When is Ahoi Ashtami : जानें इस साल कब है अहोई अष्टमी?

 
When is Ahoi Ashtami : जानें इस साल कब है अहोई अष्टमी?
Ahoi Ashtami Date : अहोई अष्टमी का व्रत माताओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इस व्रत को माता अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं। हिंदू धर्म में इस व्रत का काफी ज्यादा महत्व होता है। इस बार दो दिन अहोई अष्टमी का व्रत मनाया जा रहा है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किसी दिन का है अहोई अष्टमी का सही व्रत। Dainik Haryana News,Ahoi Ashtami Date 2023(ब्यूरो): अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है। अपनी संतान की लंबी आयु के लिए सभी महिलाएं इसका व्रत रखती हैं जो महिलाएं मां बनने वाली हैं वो भी इसका व्रत रखती हैं। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं, उसके बाद रात को चांद और तारे निकलने के बाद व्रत खोलती हैं। इस साल का व्रत 5 नवंबर 2023 को पड़ता है। अहोई अष्टमी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। READ ALSO :Aaj Ka Rashifal : शनि ने बदली अपना चाल, इन राशि वाले जातकों की चमकेगी किस्मत

किस दिन होगा अहोई अष्टमी का व्रत?

पंचांग के अनुसार इस साल अहोई अष्टमी 5 नवंबर सुबह 12 बजकर 59 मिनट पर शुरू होकर 6नवंबर सुबह तीन बजे तक है। पूजा करने का शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो वह 5 नवंबर शाम पांच बजकर 33 मिनट से लेकर 6 बजकर 53 मिनट तक होगा। अहोई अष्टमी का तारा देखने का समय शाम 5 बजकर 58 मिनट पर है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको कुछ गलतियां नहीं करनी है जिससे नुकसान का सामना ना करना पड़े। आइए जानते हैं उनके बारे में।

भगवान शिव और माता पार्वती की होती है पूजा :

READ MORE :IND vs SL Live Score: श्रीलंका को जीत के लिए मिली कड़ी चुनौती 1.अहोई अष्टमी पर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस व्रत को पूरी लगन और नियमों के अनुसार करना चाहिए। 2.अहोई अष्टमी का व्रत रखने वाली माता को दिन के समय में नहीं सोना चाहिए और जितना ज्यादा हो सके पूजा में लगाना चाहिए। 3.इस दिन किसी भी नुकीली चीज का इस्तेमाल ना करें और मिट्टी से जुड़ा कोई काम नहीं करना चाहिए। 4.अहोई अष्टमी के दिन अपने से बड़ें और छोटे का आदर करें, किसी के साथ लड़ाई ना करें, भगवान की पूजा करें। 5.अहोई अष्टमी के दिन महिलाओं को तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, तारों को देखकर तांबे बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। चांद को पानी स्टील के लोटे से ही देना चाहिए।