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School Name Changed In Haryana: एक ही रात में क्यों बदल गए हरियाणा के 509 स्कूलों के नाम, जानें इसके पीछे की वजह

 
School Name Changed In Haryana: एक ही रात में क्यों बदल गए हरियाणा के 509 स्कूलों के नाम, जानें इसके पीछे की वजह
Haryana News: कल पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया है। हरियाणा सरकार(Haryana Government) शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है और बच्चों के भविष्य में कोई चूक नहीं होने देना चाहती है। जी हां, 14 अगस्त की रात को ही हरियाणा में 509 स्कूलों के नामों को बदल दिया गया है। आइए खबर में जानते हैं आखिर क्यों सरकार ने ये कदम उठाया होगा। जानने के लिए बने रहें हमारी खबर के साथ। Dainik Haryana News,Haryana News In Hindi(नई दिल्ली): हरियाणा सरकार(Haryana Government) शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए और शहीदों का सम्मान करने के लिए बड़े कदम उठा रही है। इस काम की और सरकार ने एक साल पहले ही अपने पैर बढ़ा लिए हैं। हिसार जिले के गांव ढंढेरी से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला( Deputy Chief Minister Dushyant Chautala) इस काम की शुरूआत कर चुके हैं। इस बार स्वतंत्रता दिवस पर हरियाणा में 509 स्कूलों के नाम बदलकर शहीदों के नामों पर रखे गए हैं। जो हमारे देश के वीर जवान हैं उनको पूरा सम्मान मिलना चाहिए। READ ALSO :Weather Update: मौसम की ताजा अपडेट अगले 12 घंटे में इन जिलों में जमकय बरसेंगे बादल 14 अगस्त को ही रात के समय में शिक्षा विभाग( education Department) के सभी रिकॉर्ड में और वेबसाइटों पर इन सभी स्कूलों के नाम बदलकर वीर शहीदों के नाम पर रख दिए हैं और लिस्ट जारी हो गई है। पिछले साल हांसी के ढंढेरी गांव के निशांत मलिक की जम्मू कश्मीर में शहादत होने पर मुख्यमंत्री ने शाम तक ही गांव के स्कूल का नाम बदलकर उनके नाम पर करवा दिया था। उसके बाद भी बहुत से गांवों के स्कूलों के नाम शहीदों के नाम पर रखे जा चुके हैं।

बचे हैं इतने स्कूल :

READ MORE :Gadar 2 Box office Collection Day 5: आजदी के दिन गदर 2 ने तोड़े कमाई के सारे रिकार्ड आपकी जानकारी के लिए बता दें, अब राज्य में 358 हाई और 151 मिडिल स्कूल बचे हैं जिनके नाम बदलने बाकि हैं। इनमें से 94 स्कूल रेवाड़ी के, 85 भिवानी और 61 स्कूल जींद के बचे हुए हैं जिनके नामों को जल्द ही बदलकर शहीदों के नाम कर दिए जाएंगे। मंत्री जी का कहना है कि हमारे देश की रक्षा रकते हुए नौजवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है जिनका कर्ज हम कभी नहीं चुका सकते हैं। उनको सम्मान देने के लिए गांवों के स्कूलों को उनके नाम पर बदलकर एक छोटा सा कदम उठा रही है जिससे हमारे शहीदों को सम्मान मिले। ताकि आने वाले समय में स्कूलों के नाम देखकर बच्चे उनकी बहादूरी के किस्से सुने और उनसे प्रेरित होकर उनका सम्मान करें।