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SDM Success Story: किसान की बेटी नें दोहराई दंगल फिल्म वाली कहानी, बन गई एसडीएम

 
SDM Success Story: किसान की बेटी नें दोहराई दंगल फिल्म वाली कहानी, बन गई एसडीएम
Success Story: हर किसी का सपना होता है असके पास अच्छी नौकरी हो, माता पिता भी ऐसा ही चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी के हकदार बनें। लेकिन ये काम इतना आसान नहीं है। एसडीएम की नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत और त्याग करना पड़ता है। बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए UPPCS की परीक्षा को पास करना पड़ता है।   Dainik Haryana News: #PCS Succes Story: यदि कोई भी बच्चा सफल होता है तो उसके पिछे उसके माता पिता का बहुत बड़ा हाथ होता है। आज हम आपके लिए दंगल फिल्म से मिलती जुलती कहानी लेकर आए हैं। बस फर्क इताना है दंगल में एक पिता ने अपनी बेटियों को खिलाड़ी बनाने के लिए समाज के तानों का सामना करना पड़ा था,   यहां एक पिता ने अपनी बेटी को SDM बनाने के लिए लोगों के ताने सहे। उतर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक किसान परिवार में जन्मी रितू रानी (SDM Ritu Rani)और उनके पिता ने लोगों के बहुत ताने सुने। रितू ने बताया की उनके पिता ने ही उन्हे UPPCS की तैयारी के लिए प्रेरित किया था। Read Also: Urfi Javed: उर्फी जावेद ने नीले मोतियों से बनाया अपर टॉप,फिर कैंची से उसे काट ड़ाला,जिसे देख फैंश के उड़े होश MBA करवाने के बाद उनके पिता और उनके भाई ने रितू पर विश्वास दिखाया और तैयारी करने के लिए शहर भेज दिया। जब रितू को लंबे समय तक सफलता नहीं मिली तो लोगों ने उनके पिता को ताने देने शुरू कर दिए। लेकिन उनके पिता नें किसी की प्रवाह नहीं की और अपनी बेटी पर पुरा विश्वास रखा। रितू ने बताया की उनके घर की स्थिति कुछ ठीक नहीं थी।   इसलिए रितू(SDM Ritu Rani) ने अपना खर्च चलाने के लिए पार्ट टाईम नौकरी भी की। लंबे समय के बाद रितू के लिए वो दिन आ ही गया जिसका वो इंतजार कर रही थी। साल 2019 में रितू ने PCS में 34 वीं रैंक लाकर अपने पिता और भाई के सपने को पुरा किया। आज वही समाज उनहें सलाम करता है जो कभी ताने दिया करता था। Read Also: SDM Success Story: पिता चलाते थे करियाना स्टोर जॉइंट फैमली में रहकर बेटी ने की तैयारी और बन गई एसडीएम रितू डिप्टी कलैक्टर बन बई( Ritu Deputy Collector)। रितू रानी को बस एक बात का अफसोस रहा की दुनिया से लड़कर अपनी बेटी का हमेशा साथ देने वाले उनके पिता इस दिन को देख नहीं पाऐं। उनके पिता का पहले ही देहांत हो गया। रितू का कहना है कि उनके पिता और भाई उसके लिए भगवान हैं। अगर वो मेरा साथ नहीं देते तो में आज यहां नही होती।