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Success Story: 100 बार हुए फैल, लेकिन फिर भी नहीं मानी हार और लिख दी सफलता की कहानी

 
Success Story: 100 बार हुए फैल, लेकिन फिर भी नहीं मानी हार और लिख दी सफलता की कहानी
Amit Soni RDz Success Story: सफलता इतनी आसानी से नहीं मिलती वो कमानी पड़ती है। इसके लिए मेहनत करनी पड़ती है। हर एक स्टार्टअप की शुरूआत एक दम से नहीं हुई। उसके लिए मेहनत और लगन जो लगी होती है वो किसी को दिखाई नहीं देती। आज हम आपके लिए एक ऐसे सख्स की कहानी लेकर आए हैं जिसने ऐसी सफलता की कहानी लिखी है कि साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया। Dainik Haryana News: Millets Cookies Success Story(चंडीगढ़):आजकल मिलेट्स के प्रोडक्‍टस के प्रोडक्ट की लागत बढ़ती ही जा रही है। कंपनी ने तेजी से रफ्तार पकड़ी है। मिलेट्स कुकीज ( Millets Cookies)बनाकर कंपनी ने तेजी से रफ्तार पकड़ी है। RDz 1983 कंपनी के मलिक अमित सोनी । बात करें मिलेट्स के प्रोडक्‍टस की तो इसे देशी भाषा में मोटा आनाज कहा जाता है। साल 2023 के मिलेट्स वर्ष घोषित किया गया है। इसके बाद से ही इस और तेजी से रूझान हुआ है। Read Also: Haryana Sarkar : हरियाणा सरकार महिलाओं को दे रही फ्री सिलाई मशीन, ऐसे करें आवेदन

भारत सरकार का अहम योगदान

भारत सरकार ने मिलेट्स की और काफी ध्यान दिया है और उन लोगों को प्रोत्साहन भी दे रही है जो मोटे आनाज से प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं।

मोटे आनाज में आती हैं ये सब चीजें

कंगन, कुटकी, कोदा, चेना, ज्वार, बाजरा, रागी समेत और भी अन्य अनाज शामिल हैं।

दिल्ली में हुआ मिलेट्स फेस्टिवल का आयोजन

कुछ दिन पहले दिल्ली में मिलेट्स फेस्टिवल का आयोजन किया गया जहाँ कई राज्यों के लोग इसमें भाग लेने पहुंचे और मोटे आनाज से बनी चीजों का प्रदर्शन किया। RDz 1983 कंपनी की शुरूआत की अपने स्टार्टअप की। साल 2017 में अपने बिजनेस की शुरूआत करने के लिए अमित सोनी ने अपनी जोब छोड़ दी। साल 2019 में ही अपनी पुरानी कंपनी के साथ ही शुरूआत की।

अमित सोनी ने 2021 में मिलेट्स के प्रोडक्‍टस

किया काम शुरू। अमित सोनी का कहना है कि 2021 में एक मिलेट्स केक बनाने का आर्डर आया, इसके बाद हमने मिलेट्स कुकिज पर भी काम शुरू कर दिया और अंत में सफलता मिली। पुरे 97 प्रयासों के बाद उनको सफलता मिली और आज वो इसी बिजनेस से 2 करोड़ तक का सालाना टर्न ओवर कर रहे हैं।

97 बार हुए फैल

करत-करत अभ्यास के जडमति हो सूजान, रस्सरी आबत-जावत ते सील पर पर्त निशान, Read Also; Punjab Road Accident : पंजाब में बड़ा सड़का हादसा, एक साथ टकराई 100 गाड़ियां कहतें हैं जहां बार-बार प्रयास किया जाए तो एक रस्सी भी पत्थर को काट देती है, ऐसी ही कहानी है अमित सोनी के मिलेट्स के प्रोडक्ट बनाने की। अमित सोनी एक यां दो बार फैल नहीं हुए बल्कि पुरे 97 बार फैल हुए। सोनी का कहना है कि पहले 50 से 60 प्रयासों तक तो उनको भी कुछ समझ नहीं आया की क्या बन रहा है।

इस वजह से रखा अपनी कंपनी का नाम RDz 1983

अमित सोनी ने बताया की R से उनके पिता का नाम रमेश और D से उनकी माता का नाम दुर्गा और 1983 को उनके माता-पिता की मैरिज एनिवर्सरी है। इसलिए अपनी कंपनी का नाम यही चुना। मोटे आनाज से बनी हुई चीजों की डिमांड आजकल बढ़ती जा रही है। अगर आप भी इस बिजनेस की शुरूआत करना चाहते हैं तो देरी मत किजिए, अमित सोनी की तरह शुरूआत किजिए और मोटे पैसे कमाएं।