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PCS Success Story: नदी किनारे घास फुस की झोपड़ी में जन्म लेने वाला बन गया DSP

 
PCS Success Story: नदी किनारे घास फुस की झोपड़ी में जन्म लेने वाला बन गया DSP
Success Story: दोस्तो अफसर की नौकरी पाना कौन नहीं चाहता। हर कोई इसे पाना चाहता है। लेकिन इसे पाने के लिए जो मेहनत करनी पड़ती है उसे हर कोई नहीं कर पाता। और यह भी सत्य है कि कोई मां के पेट से ही अफसर बनकर पैदा नहीं होता। हर किसी को इसके लिए मेहनत करनी पड़ती है। और यह भी जरूरी नहीं की पैसे वाले ही अफसर बन पाते हैं।   Dainik Haryana News: DSP Success Story: आपनें बहुत से गरीब युवाओं के अफसर बनने की कहानी सुनी होगी होगी। लेकिन आज हम आपके लिए इन सब से अलग एक युवा के संघर्ष की कहानी लेकर आए हैं। हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के देवगांव में जन्में संतोष पटेल (DSP Santosh Patel) की।   जिसनें जीवन में इतनें कष्टों का सामना किया की सायद ही किसी नें किया हो। संतोष ने दिए एक इंटरव्यू में बताया की उसनें बहुत सी मुश्किलों का सामना किया है। वह कहते हैं कि उनके पास एक समय खाने तक के पैसे नहीं थे। ना रहने को घर था। उनके पिता एक मिस्त्री थे।   Read Also: Latest Update : कांग्रेस नेता राहुल गांधी दोषी करार, हो सकती है 2 साल की सजा   लेकिन वो खूद एक घास फूस की झोंपड़ी में रहते थे। उनकी माता खेतों में मजदुरी करती थी। ऐसे हालात में पढ़नें के लिए किताबें कहां से आती। बारीश के समय में झोंपड़ी हर जगह से टपकती। किताबें तक गिली हो जाती थी। संतोष नें अपनी पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल से की।   इसके बाद वो PCS की तैयारी करने लगे। वह इसके लिए कहीं कोचिंग लेने नहीं गए। उनके हालात ऐसे थे की कहीं जाने के लिए पैसे कहां थे। फटे पुराने कपड़े पहनकर स्कूल जाया करता था। एक बिस्केट के लिए संतोष 2 से 3 घंटे तक दूसरों के यहां काम करते थे। संतोष का कहना था।   Read Also: Insurance : भूकंप से आपके घर में भी हुआ है नुकसान, सरकार दे रही आर्थिक मदद   कि वो डरते थे यदि पढ़ लिखकर कहीं ढंग की नौकरी नही मिली तो उन्हें भी पापा की तरह मजदूरी करनी पड़ेगी। वह बताते हैं कि उनके पिता नें पैसे देने से मना कर दिया और पन्ना से अपने साथ गांव ले गए। गांव वाले भी तानें कसनें लगे इतना पढ़ा कर क्या बेटे को कलेक्टर बनाएगा।   इसे काम पर लगा दे। बस वहीं से मैनें सोच लिया की जब तक लाल बत्ती नहीं मिल जाती अपनी दाढ़ी नही बनाउंगा। और साल 2108 में संतोष नें पीसीएस पास कर लिया। और वो DSP के लिए चुने गए। साल 2021 में संतोष की शादी रोशनी से हो गई।   वो अपनी पत्नी को साईकिल पर बैठाकर घर ले गए। उनका कहना था कि जिस इलाके में उनका घर पड़ता है वहां सड़कें नहीं है।   Read Also: Bottled water: बोतल बंद पानी नें खड़ी कर दी मुश्किलें, कई देशों की नींद हराम!   वहां गाड़ी नहीं पहुंच सकती। संतोष (DSP Santosh Patel)नें एक बात कही जो आपके भी मन को छू लेगी। संतोष कहते हैं कि वो एक गरीब घर में जन्में उसमें भगवान की मर्जी, लेकिन उनके बच्चे गरीबी में पैदा हो ये उनकी नाकामी होगी।