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Success Story: पिता लगाते थे फल की रेहडी, बेटे ने मेहनत कर खड़ी कर दी 500 करोड़ की कंपनी

 
Success Story: पिता लगाते थे फल की रेहडी, बेटे ने मेहनत कर खड़ी कर दी 500 करोड़ की कंपनी
Bussiness Man Success Story: हर एक बिजनेस की शुरुआत कम से ही होती हो, धीरे-धीरे समय के साथ बिजनेस रफ्तार पकड़ता है। हर एक बिजनेस छोटे से ही बड़ा बनता है। उसके पिछे होती है उसके मालिक की लगन और मेहनत। अगर आप अपना कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो बे झिझक किजिए, लेकिन इसके लिए आपको धैर्य रखने की जरूरत होगी। अगर आप बिजनेस में धैर्य नहीं रख सकते तो आप कभी भी बिजनेस में सफल नहीं हो पाते। ऐसी ही कहानी हम आपके लिए लेकर आए हैं, जिनके पिता फलों की रेहडी लगाते थे और बेटा आज 400 करोड़ की कंपनी का मालिक है। Dainik Haryana News: Raghunandan Srinivas Kamat Success Story(चंडीगढ़): हम बात कर रहे हैं नेचुरलस आइसक्रीम प्रोडकट को एक बड़ा ब्रांड बनाने वाले रघुनंदन श्रीनिवास कामत की। रघुनंदन ने नेचुरल आइसक्रीम को इतनी ऊंचाईयों तक पहुंचाने और अपने प्रोडक्ट को घर-घर तक पहुंचाने के लिए बहुत पापड़ बेले हैं। कामत ने दिन रात एक कर दी अपने बिजनेस को देश दुनिया में फैलाने के लिए। कामत ने कहां से की इसकी शुरुआत और कैसे पहुंचाया अपने बिजनेस को 400 करोड़ तक। आईए जानें सफलता की कहानी। रघुनंदन श्रीनिवास कामत ( Raghunandan Srinivas Kamat)के पिता कर्नाटक के एक छोटे से गांव में आम के फल की रेहडी लगाते थे। रघुनंदन भी अपने पिता का काम में हाथ बढ़ाते थे। इसके साथ ही रघुनंदन ने अच्छे फलों का चुनाव करना सिखा। इसके बाद रघुनंदन श्रीनिवास कामत अपना बिजनेस करने के लिए मुंबई आ गए और साल 1984 में अपना पहला प्रोडक्ट 14 फ़रवरी को नेचुरल आइसक्रीम (Natural Ice Cream)लांच किया। मुबंई के जूह में अपना पहला स्टोर खोला। रघुनंदन ने 4 कर्मचारियों के साथ 10 फ्लेवर में आइसक्रीम बनाना शुरू किया। Read Also: India vs Australia Live:  भारत और आस्ट्रेलिया के दुसरे मैच में बारिश ने दी दस्त, भारत की अच्छी शुरुआत जब रघुनंदन ( Raghunandan Srinivas Kamat)ने अपने स्टोर की शुरूआत की तो ग्राहक कम ही थे तो रघुनंदन ने दिमाग लगाया और गर्मा गर्म तीखी मसालेदार पावभाजी भी बेचने लगे। पाव भाजी खाने के बाद अक्सर ग्राहक का मन आइसक्रीम खाने को भी करता। रघुनंदन न नेचुरल आइसक्रीम (Natural Ice Cream)फल, दूध और मीठे से बनाते थे। धीरे-धीरे उनकी आइस्क्रीम की सैल बढ़ती चली गई और लोगों का विश्वास उन पर बनता चला गया। जब कामत के आइसक्रीम की सेल बढ़ी और पहले ही साल में 5 लाख की कमाई की। कमात ने अब पावभाजी बेचना बंद कर दिया और पुरी तरह से आइसक्रीम के बिजनेस में आ गए। कामत अब 5 फ्लेवर में आइसक्रीम बनाने लगे। लोगों का भरोसा कामत की आइसक्रीम पर बनता गया और बिजनेस आगे बढ़ता रहा। इसके साथ ही आज नेचुरल आइसक्रीम के 135 से ज्यादा स्टोर हैं और टर्नअओवर 400 करोड़ के पार जा चुका है। Read Also: Great King of India: भारत के वो महान राजा जिनसे कांपते थे दुशमन आज भी रघुनंदन श्रीनिवास कामत ( Raghunandan Srinivas Kamat) अपनी आइसक्रीम को उसी तरीके से एक दम नेचुरल तरीके से बनाते हैं जैसे उनहोंने 40 साल पहले शुरुआत की थी। फल, दूध और चीनी से ही आइसक्रीम बनाते हैं, किसी कलर यां केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते, नां ही सवाद को बढ़ाने के लिए किसी चीज का इस्तेमाल करते।