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Latest Update : इस सुरंग में पानी के अंदर से दौड़ेगी ट्रेन, काम हुआ पूरा

 
Latest Update : इस सुरंग में पानी के अंदर से दौड़ेगी ट्रेन, काम हुआ पूरा
Raliway News: हमारे देश में 4 करोड़ से भी ज्यादा लोग हर रोज ट्रेन में सफर करते हैं। लोगों का मनना है कि ट्रेन का सफर सस्ता और आरामदायक होता है। आपने बहुत सी सुदर जगहों पर रेल को चलते हुए देखा होगा लेकिन आज हम आपको ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर पानी के अंदर से रेल चलती है। आइए जानते हैं इन जगहों के बारे में। Dainik Haryana News,Indian Railway Latest Update(नई दिल्ली): क्या कभी आपने देखा है कि पानी के अंदर से ट्रेन चलती है। जी हां, हम आपको आज ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर ट्रेन पानी से चलती है। वहां से सफर करते समय लोगों को डर भी बहुत लगता है लेकिन मजा भी काफी आता है। हम बात कर रहे हैं कोलकाता की जहां पर अब मेट्रो पानी के अंदर से चलेगी। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कोरिडोर( East-West Metro Corridor) के तहत हुगली नदी में पानी के अंदर सुरंग का काम पूरा हो चुका है। पानी में बनने वाली ये सुरंग पहली बार भारत में बनी है जिसे बनाने के लिए 120 करोड़ रूपये की लागत आई है। 520 मीटर लंबे इस सुरंग को पार करने में ट्रेन को 45 सेकंड का समय लगेगा।  लंदन-पेरिस कोरिडोर की तर्ज पर इस सुरंग को तैयार किया जा रहा है. READ ALSO :Delhi News: दिल्ली में एक और महिला हादसे का शिकार सुरंग को जमीन से 33 मीटर और नदी से 13 मीटर नीचे तैयार किया गया है। पूर्वी हावड़ा मैदान को आईटी केंद्र सॉल्ट लेक सेंक्टर पांच से जोड़ता है। ये कोलकाता के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कोरिडोर( East-West Metro Corridor) का हिस्सा है. 520 मीटर लंबी सुरंग को बनाया गया है अब एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच के 2.5 किलोमीटर का निर्माण पूरा होते ही इसे चालू कर दिया जाएगा और ट्रेन दौड़ने को तैयार होगी। बताया जा रहा है कि दिसंबर के महीने में ही यहां पर ट्रेनों को चला दिया जाएगा। READ MORE :Last Propose: फिल्मी अंदाज में ब्वॉयफ्रेंड को प्रपोज करना महिला की जान का दुश्मन बना

किसे होंगे फायदे?

कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक शैलेश( Shailesh, General Manager, Kolkata Metro Rail Corporation) का कहना है कि ईस्ट वेस्ट कोरिडोर के लिए सुरंग को बनाना जरूरी था। यहां की आबादी काफी ज्यादा है जिसकी वजह से नदी के अंदर से ही रास्ता संभव लगा। 'हावड़ा और सियालदह के बीच के रूट पर इस सुरंग के बन जाने से समय की बचत होगी. पहले इसे दूरी को तय करने में 1.5 घंटे में पूरा किया जाता था लेकिन अब यह सिर्फ 40 मिनट की रह गई है। सुरंग को पानी का प्रेशर देखते हुए और भी पानी की समस्याओं को देखते हुए बनाया गया है। ज्यादा आबादी वाले इलाके में भीड़ को कम करने का काम करेगी ये सुरंग।