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UPSC Succes Story : 24 साल की उम्र में चाय वाले के बेटे ने की UPSC की परीक्षा पास

 
UPSC Succes Story : 24 साल की उम्र में चाय वाले के बेटे ने की UPSC की परीक्षा पास
Succes Story : भारत में यूपीएससी की परीक्षा को सबसे कठिन माना जाता है। आज हम आप को ऐसे अधिकरी के बारे में बताएगें जिन्हें अपने जीवन में अनेक संघष करने के बाद भी महज 24 साल की उम्र में आईएएस बनकर सफलता का इतिहास रच दिया है। Dainik HaryanaNews,  IAS  Succes Story (New Delhi) : हम बात कर रहे हैं आईएएस देशल दान की बात कर रहे जो राजस्थान के जैसलमेर जिले के सुमालिया गांव में रहने वाले हैं। उनके परिवार में माता-पिता और 7 भाई बहन है। भाई-बहनों में वह दूसरे नगर का है। उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ हैं। Read Also :IAS Success Story :स्टेशन पर करता था कुली का काम, बेटी के सपने को पूरा करने के लिए बना IAS उनके पिता चाय की दुकान के साथ अपने परिवार की जीविका चलाते थे। उनकी आर्थिक स्थिति के कारण उनके •ााई-बहन पढ़ाई नहीं कर सके। हांलाकि देशन और उनके बड़े भाई पढ़ाई में बहुत ही तेज थे। उनके बड़े भाई का इंडियन नेवी में सेलेक्शन हो गया। उस समय में देशन 10 वीं कक्षा में थे, तब पनडुब्बी के एक हादसे में उनके बड़े भाई शहीद हो गए। इस घटना से देशल को बड़ा झटका लगा, लेकिन उन्होंने अपने आप को इससे उबारा और पढ़ाई में खूब मेहनत की. उन्होंने 12वीं कक्षा के बाद जेईई एग्जाम क्लियर कर लिया और आईआईआईटी जबलपुर में दाखिला पाया. यहां से उन्होंने इंजीनियरिंग पूरी की. उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करना शुरू कर दिया. Read More : DSSSB में 4214 पदों पर भर्ती के नोटिफिकेशन जारी, इन युवाओं को मिलेगा आवेदन करने का मौका उनके अथक प्रयासों का ही परिणाम रहा कि उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्लियर कर ली औऱ आईएएस की पोस्ट हासिल कर ली. खास बात यह रही कि इसके लिए उन्होंने कोई कोचिंग नहीं करी, बल्कि खुद के दम पर सफलता हासिल की. उन्होंने साल 2017 की यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 82वीं हासिल की थी .देशन ने बचपन में ही एक आईएएस बनने का सपना देखा था। ग्रेजुएशन के बाद में उनके पास आॅप्शन था कि वह एक अच्छी सैलरी वाली प्राइवेट नौकरी कर ले लेकिन उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने कर फैसला  लिया। तैयारी के लिए वह दिल्ली आ गए। वह इस बात को जानते हुए भी  कि इनके पास में पैसे और कोई संसाधन नही हैं। इस कारण से उन्हें पता था की जल्दी परीक्षा को क्लियर करना होगा।