Dainik Haryana News

UPSC Success Story : छोटे से एक गांव की लड़की ने की यूपीएससी की परीक्षा पास, आज है आईएएस अफसर

 
UPSC Success Story : छोटे से एक गांव की लड़की ने की यूपीएससी की परीक्षा पास, आज है आईएएस अफसर
UPSC Success Story : जैसा कि आप जानते है यूपीएससी की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षा कहा जाता है। इस परीक्षा को लाखों लोग देते है लेकिन कुछ ही लोग इस परीक्षा को पास कर पाते है। ऐसे ही एक छोटे से गांव की लड़की यह यूपीएससी की परीक्षा को पास कर गांव का नाम रोशन किया है। आइए जानते है इसके बारे में Dainik Haryana News,IAS Success Story (New Delhi ) : हम बात कर रहे है आईएएस ममता यादव की। जिसने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को उर्त्तीण कर अपने परिवार और गांव का नाम रोशन किया है। ममता यादव ने अपनी कड़ी मेहनत से यह परीक्षा पास की। ममता यादव हरियाणा के महेंदÑगढ़ जिले के एक छोटे से गांव बसई की रहने वाली है। Read Also : Monalisa New Photo : बैकलेस ड्रेस पहन मोनालिसा ने गिराई हुस्न की बिजली, देख फैंस भी हुए घायल साल 2020 की यूपीएससी परीक्षा में आॅल इंडिया रैंक-5 हासिल की थी। हरियाणा में जहां से ममता आती है वहां से पहली बार कोई महिला आईएएस अधिकारी बनी है। उनका परिणाम आने पर पूरे गांव में खुशियां मनाई गई थी। ममता की मां सरोज देवी ग्रहणी है. पिता अशोक यादव एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं. पढ़ाई में होशियार ममता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से पढ़ाई की और वह टॉपर रहीं. उसके बाद से वह बनने की कोशिश में लग गई थी.इसके लिए वह यूपीएससी की तैयारी करने में जुट गई. 10 से 12 घंटे की पढ़ाई करने वाली ममता ने इस परीक्षा की तैयारी तकरीबन खुद से ही की है. यूपीएससी से पहले उन्होंने एसएससी की परीक्षा भी पास की थी. Read More : Nikki Tamboli New Photo : निक्की तंबोली ने कंधे से सरकाया टॉप, लोगों के दिलो की रूकी दड़कन निक्की 2020 में ममता ने यूपीएससी की परीक्षा दी थी। उस समय उसकी रैंक 556 थी। परीक्षा में पास होने के बाद उसे भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया था। लेकिन ममता इससे खुश नहीं थी और ममता ने फिर से कड़ी मेहनत करके यह परीक्षा दी और आॅल इंडिया में 551 रैंक सुधार के साथ में पांचवी रैंक हासिल की। ममता यादव अपने गांव की पहली ऐसी महिला हैं,जो सिविल सर्विसेज में पहली बार गई और आईएएस अधिकारी बनी। बहुत ही कम लोग होते है जो दूसरों के लिए मिसाल बनते है।उम्मीद है कि उनकी इस सफलता से गांव में नई रोशनी फैलेगी और आगे भी लड़कियां IAS,IPS अधिकारी बनेंगी.