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Wash Clothes Before 1857: साबुन सर्फ के आने से पहले कपड़े धोने के लिए किस चीज का इस्तेमाल किया जाता था

 
Wash Clothes Before 1857: साबुन सर्फ के आने से पहले कपड़े धोने के लिए किस चीज का इस्तेमाल किया जाता था
Wash Clothes In The Time of Kings: आज कल कपड़ो को साफ करने के लिए चमकाने के लिए बाजार में बहुत से प्रोडक्ट मिल जाएंगें। अलग-अलग कंपनी के सर्फ और साबून बड़े ही आसानी से बाजार में मिल जाएंगें। Dainik Haryana News: Wash Clothes(चंडीगढ़): कपड़ो को चमकाने के लिए आपको आज ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है। सर्फ और साबून से आसानी से कपड़े चमक जाते हैं, लेकिन सवाल इस बात का है कि जब सर्फ और साबून नहीं थे तब कपड़े धोने के लिए किस चीज का इस्तेमाल किया जाता था। राजा महाराजाओं के कपड़ो की भी धुलाई की जाती थी। ऐसा भी नहीं की केवन पानी में से निकालने से ही पहले कपड़ो की गंदगी चली जाती थी। आज से 130 साल पहले अंग्रेजी राज के समय पहली बार साबून भारत आया था। 1857 में बाजार में साबून आया था। लेकिन इससे पहले क्या लोग गंदे कपड़े ही पहनते थे। ऐसा बिलकुल भी नहीं है। 1857 के बाद भारत में लीवर भाई साबून लेकर आए थे। Read Also: Notice Issued to Defaulters : 21 श्हारों के डिफाल्टरों को नोटिस जारी, बकाया राशि जमा न करवाने पर सम्पत्ति सील उस समय साबून के इस्तेमाल(Uses of Soap) की जानकारी भारत में किसी को नहीं थी। धीरे-धीरे साबून का इस्तेमाल बढ़ा और आज बहुत सी कंपनियां साबून बेच रही हैं। 1857 से पहले क्या लोगों के कपड़े गंदे ही रहते थे। इससे पहले किस आर्गेनिक चीज का इस्तेमाल होता था।

इन चीजों का किया जाता था इस्तेमाल

रीठा:- रेशम के कपड़ो को चमकाने के लिए रिठे का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता था। रीठे के पेड़ होते थे, पेड़ो से रीठा लिया जाता था, जिनसे कपड़े धोए जाते थे। Read Also: Kisan Karj Mafi List Out : किसानों का कर्ज हुआ माफ, चेक करें लिस्ट में अपना नाम रीठे के फलों को तोड़कर पानी में उबाला जाता था, इनसे झाग बनने लगते थे, इनही झागों को कपड़ो पर डाल दिया जाता था और फिर किसी ना किसी चीज से पिट-पिट कर कपड़ो का मैल निकाल लिया जाता था। रीठा किसी प्रकार से भी मनुष्य के लिए हानिकारक नहीं था।