Online Business Idea : दो दोस्तों ने लगाए 5-5 हजार, आज हैं 1 करोड़ के मालिक
Dainik Haryana News, Home Business Idea (New Delhi) : आज हम आपको दो दोस्तों की कहानी बताने जा रहे है जिन्होंने पढ़ाइ साथ की, 1 साल तक नौकरी की और उसके बाद अपना खुद का बिजेनस शुरू कर लिया। इन दोस्तों का नाम दया आर्या और उपेंद्र यादव(Daya Arya and Upendra Yadav) और दोनों ने एमबीए पढ़ा है।बहुत छोटी रकम से शुरू किया बिजनेस दया उपेंद्र ने युवाओं की पंसद को फॉलो किया और वही अपना काम किया जहां स्कोप बहुत था। दया और उपेंद्र ने डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में काम किया और ऑनलाइन टी-शर्ट बेचने लगे। उनके बिजनेस की खास बात यह है कि वो लोगों की डिमांड पर टी-शर्ट प्रिंट करवाते थे और उन्हें बेचते थे। दया आर्या ने बताया कि उन्होंने मात्र 10-12 हजार रूपये में ही ये बिजनेस शुरू कर लिया था और इस बिजनेस का नाम रखा Trim Trim Store.
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क्या है प्रिंट ऑन डिमांड बिजनेस मॉडल?
बिजनेस मॉडल के बारे में बात करते हुए कंपनी के को-फाउंडर का कहना है कि प्रिंट ऑन डिमांड (Print On Demand)थोड़ा खास मॉडल है, जो किसी भी युवा को खुद का बिजनेस करने का मौका देता है। हम यह बिजनेस के साथ-साथ उन सभी लोगों की मदद भी करते हैं जो ऑनलाइन सेलिंग का बिजनेस करना चाहते हैं और पैसों की कमी के चलते काम को नहीं बढ़ा पाते हैं। हमारा काम है टी-शर्ट के मॉकअप तैयार करना और उनकी प्रिंटिग को तैयार करना। टी-शर्ट भी तभी तैयारी होती है जब उसकी डिमांड आती है। इस मॉडल में पहले से कुछ भी तैयार करने की जरूरत नहीं है। बल्कि कस्टमर की डिमांड पर एक ऑर्डर की भी सप्लाई की जाती है। दया ने बताया कि उनकी कंपनी trimtrim.in के नाम से होलसेल का कारोबार करती है और उनके प्रोडक्ट कई प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड हैं। ऐसे में युवाओं को हम प्रिंट ऑन डिमांड के जरिए मनचाही डिजाइन की टी-शर्ट सप्लाई करने का मौका देते है।
कमाई बढ़ी तो खुद का लगवा लिया प्रिंटिंग यूनिट(Printing Unit)
दया ने बताया कि पहले तो वह खुद की वेबसाइट से ही कपड़े बेचते थे। लेकिन बाद में दूसरे शॉपिंग प्लेटफॉर्म के साथ भी जुड़ गए। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे उनके पास बड़े-बड़े ऑर्डर आने लगे और फिर धीरे-धीरे कमाई भी होने बढ़ने लगी। कमाई बढ़ने के बाद दया और उपेंद्र ने प्रिंटिंग यूनिट लगवा ली। इससे कमाई पर सीधा असर पड़ा और प्रिंटिंग यूनिट को जाने वाली लागत बचने लगी।
कब शुरू हुई कंपनी?
कंपनी की शुरुआत मार्च 2019 में हुई थी. तब से अब तक कंपनी को मोदी सरकार की स्टार्टअप योजना के तहत दो बैंकों से फंडिंग मिल चुकी है. कंपनी के अन्य को-फाउंडर उपेन्द्र यादव ने कहा कि हमारा सालाना टर्नओवर एक करोड़ से अधिक है. हम धीरे-धीरे अन्य युवाओं को भी इसी सिस्टम से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उन्हें हमारी तरह शुरुआत में फंडिंग की परेशानियों से न जूझना पड़े.
युवाओं की कैसे होती है मदद
मान लीजिए कोई युवा फ्लिपकार्ट, अमेज़ॉन, मिंत्रा या अन्य किसी प्लेटफॉर्म पर टीशर्ट सेल करना चाहता है और अगर उसने अपने 1000 प्रोडक्ट लिस्ट कराए हैं, तो कम से कम उसे 1000 टीशर्ट का बैकअप लेकर चलना होगा. क्योंकि उसे नहीं पता कि कब किस दिन, किस टीशर्ट का ऑर्डर उसके पास आएगा. वहीं. इसकी जगह हमारी सर्विस उन्हें ये ऑफर देती है कि उन्हें अपना खुद का स्टॉक रखने की कोई जरूरत नहीं. हम उन्हें हजारों तरह के मॉकअप (प्रतीकात्मक इमेज जो आप ऑनलाइन किसी प्रोडक्ट की देखते हैं) देते हैं. अब अगर वो कोई ऑर्डर लेकर आते हैं तो वो सिर्फ हमें बताएं हम उनकी बताई हुई जगह पर वही प्रोडक्ट डिलिवर कर देंगे.
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