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Online Business Idea   :   कभी हिंदी मीडियम की वजह से उड़ाया था मजाक, आज मेहनत के दम पर खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी
 

Home Business Idea  :  बहुत सारे बच्चे ऐसे होते है जो घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ते है। ऐसे ही एक शख्स की कहानी हम आपके सामने लेकर आए जिनकी हिंदी को लेकर कॉलेज में उनका मजाक उड़ाया जाता है। आज वही शख्स करोड़ों की कंपनी का मालिक है। आइए जानते है इस शख्स के बारे में विस्तार से
 
 
Online Business Idea   :   कभी हिंदी मीडियम की वजह से उड़ाया था मजाक, आज मेहनत के दम पर खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी

Dainik Haryana News, Low Cost Business Idea (New Delhi)  :   कहा जाता है कि अगर जीवन में कुछ बड़ा करने का जुनून है तो कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। ऐसी ही कहानी आज हम आपके सामने लेकर आए है। विजय शर्मा एक ऐसा उदारहण है जो यह दिखाता हैं मजबूत इरादे और कड़ी मेहनत से कैसे सफलता को हासिल किया जा सकता है। विजय शर्मा की पढ़ाई एक हिंदी मीडियम स्कूल में हुई। विजय शर्मा को ज्यादा अग्रेंजी नहीं आती थी। कमजोर अग्रेंजी उनकी राह में बाधा बन रही थी लेकिन फिर भी वह अपनी मेहनत और लगन से प्रतिष्ठित दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने में कामयाब रहे।

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विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma)यूपी के अलीगढ़ जिले के छोटे से गांव के निवासी है। विजय ने शुरूआती पढ़ाई अलीगढ़ जिले के छोटे से कस्बे हरदुआगंज के हिंदी मीडियम स्कूल से की। इसके बाद दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उन्होंने बैचलर ऑफ इंजीनियर की डिग्री हासिल की। इससे पहले उनकी पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम में थी। विजय शेखर आज अरबपति हैं। लेकिन एक ऐसा समय था जब उन्होंने मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। आज उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर सफलता की ऊंचाइयों को छुआ है। पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने साल 2010 में पेटीएम की शुरूआत की थी। विजय शर्मा आज भारतीय युवा करोबारियों के लिए प्ररेणास्त्रोत बन गए है। आए दिन पीटम के शेयर में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

पेटीएम पेमेंट बैंक (Paytm Payments Bank )पर भारतीय रिजर्व बैंक के एक्शन के बाद शेयर में गिरावट आई है। हिंदी को लेकर कभी उड़ाया गया था मजाक जब विजय शर्मा इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली आए तो उन्हें हिंदी और इंगलिश के बीच का बहुत बड़ा अंतर पता चला। हिंदी मीडियम से पढ़े विजय शेखर शर्मा की इंगलिश उस समय अच्छी नहीं थी। इसके चलते साथ पढ़ने वाले इंगलिश मीडियम के छात्रा कई बार उसका मजाक भी उड़ाते थे। लेकिन उसके कुछ ऐसे साथी भी थे जिन्होंने उनकी इंग्लिश सीखने में मदद की। इंग्लिश सीखने के दौरान विजय को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वह फेल भी हुए लेकिन उन्होंने यह मन बना लिया कि वह सीखकर ही रहेंगे। ये उनकी इच्छाशक्ति ही थी कि उन्होंने जल्द ही इंग्लिश भाषा सीख ली।


इस तरह की पेटीएम की शुरुआत

वियजने साल 1997 में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही indiasite.net  नाम की एक वेबसाइट बनाई थी। इसके बाद उन्होंने इसे लाखों रुपये में बेचा था। इसके बाद साल 2000 में उन्होंने one97 communication ltd की स्थापना की। इसपर जोक्स, रिंगटोन, परीक्षा के रिजल्ट और क्रिकेट मैच का स्कोर दिखाया जाता था। यही वन97 पेटीएम की पैरेंट कंपनी है। विजय शेखर ने साल 2010 में पेटीएम की शुरुआत साउथ दिल्ली के एक किराए के कमरे से की थी। इसके बाद विजय शेखर शर्मा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह लगातार सफलता की ऊंचाइयों को छूते चले गए।

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इस तरह आया बिजनेस का आइडिया

विजय शेखर शर्मा जब दिल्ली में रहते थे तब वह छुट्टी वाले दिन बाजारों में घूम कर फॉर्च्यून और फोर्ब्स जैसी मैगजीन्स की पुरानी कॉपियां खरीदा करते थे। इस दौरान किसी पुरानी मैग्जीन में उन्होंने एक बिजनेस मैन की सक्सेस स्टोरी  पढ़ी। स्टोरी में बताया गया था कि कैसे अमेरिका के सिलिकॉन वैली में रहने वाले शख्स ने अपने गैराज से एक कंपनी शुरू की और उसे कामयाब बनाया। इस स्टोरी का विजय शेखर पर काफी असर हुआ और उन्होंने भी बिजनेस करने की ठान ली।