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IAS Success Story: पिता के सपने को पूरा करने के लिए हासिल किया ये पद

UPSC Success Story: आज हम आप को एक ऐसी सफलता के बारे में बताने वाले है जो बहुत ही कमाल की हैं। एक बेटी ने अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत की है। उसने पापा का सपना पूरा करने के लिए अपनी हर ख्वाहिश को भुला दिया हैं आइए जानते हैं इस लडकी की सफलता के बारे में।
 
IAS Success Story: पिता के सपने को पूरा करने के लिए हासिल किया ये पद

 Dainik Haryana News, Success Story (New Delhi): उत्तराखंड के चमोली स्थित कर्णप्रयाग की रहने वाली आईएएस मुद्रा गैरोला की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा देने वाली है। वैसे तो यूपीएससी में उत्तराखंड में कई बेटियों ने सफलता को हासिल किया हैं। लेकिन मुद्रा गैरोला  की  कहानी कुछ जुदा है। चमोली में रहने वाली मुद्रा गैरोला ऐसी होनहार बेटी हैं, जिन्होने 153 वीं रैक प्राप्त कर  उत्तराखंड में अपने जिले का नाम रोशन किया है।

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दो बार असफल होने के बाद में बनी आईएएस(Become IAS after failing twice)

मुद्रा गैरोला (Mudra Garola) ने साल 2022 में सफलता हसिल की थी, तब उन्हें 163 वीं रैंक प्राप्त हुई थी। उनका सलेक्शन आईपीएस में हुआ था। लेकिन उनका सपना आईएएस का था। आईपीएएस की ट्रेनिंग के दौरान मुद्रा गैरोला ने एक बार फिर से कोशिश की। इस  बार मुद्रा गैरोला 53 वीं रैंक को प्राप्त कर आईएएस बनी है।


पिता का सपना किया पूरा(father's dream fulfilled)


मुद्रा के पिता अरुण गैरोला का सपना था कि उनकी बेटी कअर बने। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुद्रा के पिता सिविल सर्विसेस में जाना चाहते थे। पिता अरुण ने साल 1973 में वढरउ की परीक्षा दी थी। उस वक्त वो इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाएं थे। उनका सपना था कि बेटी इस मुकाम को हासिल करे।

पहले की डेंटल की पढ़ाई(previous dental studies)


मुद्रा गैरोला कर्णप्रयाग तहसील के सिमली क्षेत्र में स्थित बांगडी गांव में रहने वाली हैं। वर्तमान में उनका परिवार दिल्ली में रहता हैं। मुद्रा गैरोला बचपन में पढ़ाई में बहुत ही अच्छी रही हैं। उन्होंने 10 वीं में 96 प्रतिशत और 12 वीं क्लास में 97 प्रतिशत स्कोर किए। स्कूल खत्म होने के बाद में मुद्रा गैरोला ने मुबई में डेंटल पढ़ाई की। BDS में भी मुद्रा गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। डिग्री पूरी करने के बाद में मुद्रा गैरोला  दिल्ली आ गई हैं और MDS में दाखिला लिया इसी बीच में उसे अपना ध्यान यूपीएससी की और  गया और मुद्रा गैरोला  ने डॉक्टरी छोड़कर तैयारी शुरू कर दी थी।

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साल 2018 में यूपीएससी में मुद्रा गैरोला इंटरव्यू तक पहुंची। लेकिन सफल नहीं हुई। उन्हे साल 2019 में फिर से प्रयास किया  फिर से इंटरव्यू दिया। इस बार भी सफल करीब से गुजर गई। 2020 की वढरउ में मेंस की स्टेज तक पहुंची। फाइनली साल 2021 की परीक्षा में मुद्रा ने 165वीं रैंक हासिल की।