NEET Success Story: रेलवे स्टेशन पर बैठकर करती थी पढ़ाई ऐसे किया डॉक्टर का मुकाम हासिल
Dainik Haryana News,NEET Success Story(New Delhi):कृति अग्रवाल अटूट संकल्प और कड़ी मेहनत ने उनकी सफलता का मार्ग प्रशस्त किया था। साल 2012 में एआईपीएमटी(AIPMT),, उसके बाद 2013 और 2014 में नीट (NEET) के प्रयास कर अपनी प्रारंभिक यात्रा में कई असफलताओं को सामना करना पड़ा।
यात्रा में उन्हें कई असफलताओं का सामना करना पड़ा. अपने पहले प्रयास में क्वालीफाई होने के बावजूद, वह इसे क्रैक करने में असफल रहीं. हालांकि, इसके बावजूद कृति अपनी कोशिशों में लगातार जुटी रहीं.
अपने लक्ष्यों की और ध्यान केंद्रित करने के लिए ब्रेक लेने के बाद, कृति अग्रवाल(Kriti Agarwal ) ने अनुशाति कार्यक्र्रम का पालन किया, जैसे कि फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से दूरी बना ली। कृति अग्रवाल ने अपनी कमजोरियों पर भी काम किया हैं। जिसमें फिजिक्स और केमिस्ट्री शामिल थे। वह हर रोज फिजिक्श के प्रश्नों का अभ्यास करती थी और मॉक टेस्ट देती थी। जिसे वह खुद का एनलिसिस करती थीं। उनका जनून इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत अधिक हो गया था। उन्हें अपने आने-जाने का समय का भी सहीं प्रयोग किया हैं। क्योंकि वह बस का इंतजार करते हुए भी पढ़ाई करती थी।
मीडिया रिर्पोट के अनुसार कृति अग्रवाल ने (UPCPMT) भी दी थी, लेकिन वह अच्छा स्कोर नहीं कर पाई क्योंकि यह यूपी बोर्ड का कोर्स था। इस परीक्षा में 1900 अंक प्राप्त करने के बाद उनका चयन नहीं हुआ। इसके बाद में कृति अग्रवाल के पास में दो आॅप्शन बचे थें। या तो बी.एससी करे या सब कुछ छोड़ दे. लेकिन कृति बीएससी करने की कल्पना भी नहीं कर सकती थी, चूंकि वह NEET हमेशा डॉक्टर बनने का सपना देखती थी.
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सहायक माता-पिता से प्रेरित होकर, कृति अग्रवाल को अपनी पढ़ाइ्र करने के लिए आवश्यक स्थान मिला। इसके बाद में अपने अटूट प्रयास और अधिक मेहनत के कारण पूरे भारत में 1,084 वीं रैंक के साथ अपने तीसरे प्रयास में नीट NEET परीक्षा पास की। कृति अग्रवाल अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा किया।