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UPSC Success Story :  घटना में एक हाथ गंवाने के बाद भी ये लड़की बनी आईएएस अफसर, जानें कैसे पहुंची इस मुकाम तक 
 

IAS Success Story :  वैसे तो आपने बहुत से आईएएस और आईपीएस की कहानी सुनी होगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला आईएएस की कहानी बताने जा रहे है जिसने अपना एक हाथ न होने के बाद भी यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास कर आईएएस का पद प्राप्त किया। आइए जानते है इस महिला आईएएस अफसर के बारे में
 
 
UPSC Success Story :  घटना में एक हाथ गंवाने के बाद भी ये लड़की बनी आईएएस अफसर, जानें कैसे पहुंची इस मुकाम तक 

Dainik Haryana News, IAS Akhila BS Success Story ( New Delhi ) :  यूपीएससी की परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षा माना गया है। इस परीक्षा को कड़ी मेहनत से ही पास किया जा सकता है। आज हम आपको आईएएस अखिला बीएस की कहानी बताने जा रहे है जिसने 11 सितंबर 2000 को एक बस दुर्घटना में अपने दाहिने हाथ को खो दिया था। उसे ठीक करने के लिए उसने जर्मनी विशेषज्ञों से भी बातचीत की, लेकिन उन्हें ठीक नहीं किया जा सका।

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दिव्यागंता के बाद भी उसने यूपीएससी की तैयारी की। कड़ी मेहनत के दम पर हाई स्कूल के प्रिंसिपल की बेटी ने यूपीएससी की परीक्षा को पास कर आईएएस का पद प्राप्त किया।आईएएस अखिला बीएस  ने यूपीएससी के लिए अपनी दिव्यांगता को अपनी सफलता के आड़े नहीं आने दिया।  आईएएस अखिला ने एक दुर्घटना में अपना दाहिना हाथ खो दिया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर समाज के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरीं।
 

दुर्घटना में खोया दाहिना हाथ


आईएएस अखिला बीएस 11 सितंबर 2000 को एक बस दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो गई थीं। इस दुर्घटना में उन्होंने अपना दाहिना हाथ खो दिया था। उन्हें ठीक करने के लिए जर्मनी के विशेषज्ञों से भी बातचीत की गई थी, लेकिन उन्हें ठीक नहीं किया जा सका। आखिला इस दुर्घटना के बाद भी हार नहीं मानी। उन्होंने अपने दूसरे हाथ से लिखना शुरू किया और अपनी जिंदगी को वापस से पटरी पर लेकर आईं। इसी दिव्यांगता को उन्होंने अपना हथियार बनाकर यूपीएससी की परीक्षा पास की।


पास की यूपीएससी


अखिला बीएस पढ़ाई में काफी होशियार थीं। उन्होंने बोर्ड परीक्षा सर्वोच्च ग्रेड के साथ पास की। IIT मद्रास से इंटीग्रेटेड एमए की डिग्री हासिल करने के बाद वह 2019 में यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। यूपीएससी के पहले दो प्रयासों में उन्होंने प्रीलिम्स परीक्षा पास की, लेकिन मेन्स पास नहीं कर पाई थीं। 2020 और 2021 में दो बार लगातार फेल होने के बावजूद उन्होंने 2022 में एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार अखिला ने 760वीं रैंक के साथ आईएएस बन गईं। एक इंटरव्यू में आईएएस अखिला ने बताया कि उन्हें आईएएस का सपना उनके शिक्षक ने दिखाया था। इसकी तैयारी के लिए उन्होंने एक साल तक बेंगलूरू में कोचिंग भी ली थी।

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परिवार ने किया सपोर्ट


आईएएस अखिला ने बताया कि आईएएस बनने के इस सफर में उसके परिवार ने उसका पूरा साथ दिया। परीक्षा के दौरान लगातार लिखना अखिला के लिए काफी मुश्किल था। इन चुनौतियों को पार करते हुए अखिला ने अपने आईएएस बनने के सपने को साकार कर दिखाया। अखिला ने आईएएस बनकर लोगों के लिए एक मिसाल कायम की है। उसने साबित किया कि कड़ी मेहनत और हिम्मत से हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ भी हासिल कर सकता है।