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Business Success Story: इस व्यक्ति ने रिटायरमेंट के पैसों शुरू किया बिजनेस, आज करोड़पतियों को देते हैं टक्कर

Business Tips :  सफल होने के लिए हमे बहुत अधिक मेहनत करनी होती है फिर जाकर सफलता मिल पाती है। आज हम आप को ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्होंने बुढ़ापे में भी हार नहीं मानी हैं। जिन्हें बुढ़ापे में भी हार नहीं मानी और रिटारयमेंट के पैसों से 23 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी है आइए जानते है इनकी सफलता के बारें में।

 


Dainik Haryana News, Business Idea (New Delhi): दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपनी किस्मत खुद लिखते हैं असके लिए वह बहुत ही अधिक मेहनत करने से पीछे नहीं हटते हैं। लक्ष्मण दास मित्तल इन्हीं लोगों में शामिल हैं जिस उम्र में लोग रिटायर हो जाते हैं उस उम्र में लक्ष्मण दास मित्तल  ने बिजनेस की शुरूआत की है। लक्ष्मण दास मित्तल सोनालिका ग्रुप में चेयरमैन हैं। यह ग्रुप भारत में तीसरे नंबर का सबसे बड़ा टैक्टर निर्माता है।
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वह देश के सबसे उम्रदराज अरबपति हैं। लक्ष्मण दास मित्तल की कहानी अनोखी है, उन्होंने लोगों के लिए एक मिसाल कायम की है। अगर कोई अपनी जिंदगी में कुछ करना चाहता है तो वह कर सकता है। लक्ष्मण दास ने दिखा दिया कि सफलता किसी भी उम्र में हासिल की जा सकती है। अगर पूरी मेहनत और लगन से कोशिश की जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है। आईए आपको बताते हैं कैसे लक्ष्मण दास मित्तल ने जिंदगी में इतनी बड़ी सफलता हासिल की है।

इंश्योरेंस एजेंट से बने बिजनेस टायकून(Insurance Agent Turned Business Tycoon)

लक्ष्मण दास मित्तल का जन्म पंजाब के होशियारपूर में हुआ था उन्हें आपने जीवन की शुरूआत बीमा एजेंट के रूप में की थी। लक्ष्मण दास मित्तल एलआईसी एजेंट हुआ करते थे। वह कारोब करना चाहते थे।

इसके लिए उन्होंने अपनी सैलरी से पाई-पाई जमा की। लक्ष्मण दास मित्तल 60 साल की उम्र तक एलआईसी एजेंट के रूप में काम करने के बाद रिटायर हो गए थे। आमतौर पर लोग रिटायर होकर खुशहाल और शांतिमय जीवन बीताना पसंद करते हैं, लेकिन लक्ष्मण दास मित्तल ने इस उम्र में भी काम और संघर्ष करना नहीं छोड़ा था।

ऐसे शुरू की कंपनी(This is how I started my company)

लक्ष्मण दास मित्तल ने अपनी मेहनत के दम पर करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी है। वह भारत के सबसे उम्रदराज अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हैं। आज उनकी नेटवर्थ करीब 2.5 अरब डॉलर के आस पास है। एक साधारण एलआईसी एजेंट से लेकर उन्होंने अरबपति तक का सफर तय किया है। ये सफर आसान नहीं था। उन्हें कई बार गिरना पड़ा, कारोबार दिवालिया हो गया, लेकिन उन्होंने हार न मानने की ठान ली थी। मौजूदा समय में सोनालिका ग्रुप का कारोबार 120 से अधिक देशों में फैला हुआ है।

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लक्ष्मण दास मित्तल (Laxman Das Mittal)ने अपनी सारी बचत का प्रयोग कृषि मशीनों से जुड़े  साइड बिजनेस को शुरू करने के लिए किया उन्होंने साल 1966 में ट्रैक्टर के निर्माण में प्रवेश करके सोनालिका ट्रैक्टर्स की स्थापना की। लक्ष्मण दास मित्तल कई राष्टय और अंतरराष्टय सम्मान से भी नवाजे जा चुके हैं। इनमें प्रतिष्ठित उद्योग रत्न  पुरस्कार भी शामिल है। लक्ष्मण दास मित्तल ट्रैक्टर कंपनी का उत्तर भारतीय राज्यों में मजबूत कारोबार है। पंजाब, हरियाण और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों में सोनालिका के ट्रैक्टर कौ बहुत ही अधिक पसंद करते हैं।