Smalest IAS Officer : मिलिए मात्र 3 फुट की महिला आईएएस अफसर से, 56 वीं रैंक लाकर रचा इतिहास
UPSC Success Story: भारत में यूपीएससी की परीक्षा को बहुत ही कठिन परीक्षा माना जाता हैं। इस परीक्षा की तैयारी को लाखों बच्चें करते है लेकिन इस परीक्षा में कुछ ही बच्चें सफल हो पाते है और जो बच्चें असफल हो जाते है वो बच्चें फिर से इस परीक्षा में भाग लेते है और अपने सपनों को पूरा करते हैं। आइए जानते हैं आईएएस आरती डोगरा की सफलता के बारे में।
Dainik Haryana News, IAS Aarti Dogra Success Story (New Delhi): आज हम आप एक ऐसी महिला आईएएस के बारे में बताएंगे जिन्हें अपने जीवन में अनेक समस्याओं का सामना कर अपने लक्ष्य को पूरा किया हैं।
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हम बात कर रहे हैं आईएएस आरती डोगरा(IAS Aarti Dogra) जिनका जन्म उत्तराखंड के देहरादून में हुआ था, और उनके माता-पिता दोनों शिक्षा क्षेत्र में सक्रिया रहे हैं। उन्होंने लेडी श्रीराम कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन देहरादून गई, जहां पर आरती डोगरा ने अपनी आईएएस की तैयारी की हैं।
साल 2006 में आरती डोगरा(IAS Aarti Dogra) ने यूपीएससी में शानदार 56 वीं रैंक प्राप्त की। उन्होंने राजस्थान कैडर की आईएएस अधिकारी की तरह सेवा करना शुरू किया। आरती डोगरा बीकानेर, अजमेर की कलेक्टर भी रह चुकी हैं। उनके काम के चलते ही वे भातीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के भी मुरीद बन गई।
समर्पण और संकल्प की मिसाल(Example of Dedication and Determination)
आरती डोगरा की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए जरूरी नहीं है कि कद या आउटलुक कितने छोटे या बड़े हों, बल्कि आत्मसमर्पण, समर्पण, और सही मार्गदर्शन की मिलानबण्ध की आवश्यकता होती है। आरती डोगरा एक उदाहरण है जोने संकट के समय पर अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया और समाज के लिए महत्वपूर्ण काम किया। उनकी सफलता हमें यह याद दिलाती है कि सही मार्ग पर चलने और संकल्पित रहने से, हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं और आपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।
उपल्ब्धियां और सम्मान(Achievements and Honors)
आरती डोगरा ने अपने प्रबल नेतृत्व और कार्यो के बल पर जोधपुर डिस्कॉम के निदेशक के पद पर नियुक्त होने का गर्व हासिल किया है, जिनमें वे पहली महिला आईएएस हैं।
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उन्होंने बंको बिकाणो अभियान को शुरू किया, जिसका उद्देश्य था। खुले में शैच ना करने की जागरूकता फैलाना। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के सफल होने के बाद, उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर के कई पुरस्कार मिले हैं।