सुबह नहीं बल्कि रात के समय अगाएं Deo !
Deodorant Tips: आज के समय में डियोडेंट लगाना हमारी सुबह हर रोज का हिस्सा होता हैं। बहुत सारे लोग उठते ही और घर से निकलने से पहले हर कोई डियोडेंट लगाता हैं। लेकिन आज हम आप को बताएंगे की डियोडेंट लगाने का सहीं समय क्या हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर के बारे में।
Dainik Haryana News,Dermatologist (New Delhi):मिसिसिपिी की एक स्किन एक्सपर्ट(Dermatologist)डॉक्टर लिंडसे जुब्रिट्स्की ने सोशल मीडिया मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैं। उन्होंने वीडियो में बताया हैं कि अगर आप रात के समय में डियोडेंट नहीं लगा रह तो आप एक गलत तरीका अपना रहे हैं।
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आइए जानते हैं इसके पीछे की साइंस(Let us know the science behind it)
एंटीपर्सपिरेंट रात में अधिक प्रभावी तरीके से अब्जॉर्ब होते हैं क्योकि शरीर का तापमान स्वाभाविक रूप से नींद के लिए तैयार होता हैं। जिसमें मेलाटोनिन का उत्पादन बढ़ जाता है। मेलाटोनिन एक ऐसा हार्मोन हैं जो नींद और जागने के चक्र को कट्रोल करता है। जब रात में अंधेरा होता हैं और आंखों द्वारा रोशनी का अब्जॉब कम हो जाता हैं तो शरीर में मेलाटोनिन का लेवल बढ़ जाता हैं।
रात में डियोड्रेंट लगाने से क्या होता हैं?(What happens if you apply deodorant at night?)
शरीर के तापमान को कम करने के अलावा,मेलाटोनिन ब्लड प्रेशर को भी कम करता हैं और दिल की गति को कम करता हैं जिससे शरीर को संकेत मिलता है कि सोने का समय हो गया हैं जब आप मेलाटोनिन के बढ़ने के साथ रात में डियोड्रेंट लगाते हैं, तो यह पसीने की ग्रंथियों द्वारा उत्पादित पसीने और गंध को रोकने का काम करता हैं।
डियोड्रेंट और एंटीपर्सपिरेंट अलग-अलग तरीके से करते हैं काम(Deodorant and antiperspirant work in different ways)
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी यह भी बताती है कि रात में डियोड्रेंट या एंटीपर्सपिरेंट लगाने से पसीने की नलियों को बंद करने के लिए 6-8 घंटे का समय मिलता है. डियोड्रेंट और एंटीपर्सपिरेंट शरीर की गंध को अलग-अलग तरीकों से कम करते हैं. डियोड्रेंट गंध को खत्म करने के लिए होते हैं, लेकिन पसीने को कम नहीं करते हैं. दूसरी ओर, एंटीपर्सपिरेंट में एल्यूमीनियम-आधारित तत्व होते हैं, जो पसीने के पोर्स को बंद कर देते हैं, जिससे पसीना नहीं आता।
इस बात का रखें ध्यान(keep this in mind)
अगर अपने शाम को स्नान किया है कि नहाने के तुरंत बाद ही अपना डियोड्रेंट या एंटीपर्सपिरेंट न लगाएं. दोनों प्रोडक्ट्स ड्राई स्किन पर सबसे प्रभावी होते हैं, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप लगाने से पहले तौलिए से अच्छी तरह से पोंछ लें।
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दो तरह का पसीन(Two Types Of Swea)
हमारे शरीर में दो तरह की पसीने की ग्रंथियां होती हैं इक्रीन और एपोक्राइन। इक्रीन और एपोक्राइन। इक्रीन ग्रंथियां पुरे शरीर में मौजूद होते हैं और सीधे त्वचा की सतह पर खुलती हैं। जिससे पसीने की बूंदें निकलती हैं। लेकिन एपोक्राइन ग्रंथियों में बालों के पोर्स वाले पार्ट में विकसित होते हैं और स्कीन की सतह तक जारी होते हैं। ये आमतौर पर बगल स्कीन और गुप्तांग में पाए जाते हैं और शरीर में गंध पैदा करते हैं।