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 Ram Mandir News :  रामायण से जुड़ी वे बातें जिन्हें आज भी नहीं जानते लोग
 

 Ram Mandir Pran Pratishtha Time :  आज के दिन प्रभु राम की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर कुछ ऐसे बातों के बारे में जानते है जिनके बारे में आपको नहीं पता है।रामायण में प्रभु राम के जीवन के बारे में बताया गया है। प्रभु राम को भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है।
 

Dainik Haryana News, Ramayana Fact ( New Delhi) : प्रभु राम को मर्यादापुरूषोत्तम कहा जाता हैं क्योंकि वे एक महान राजा है। उन्होंने सत्य, सदाचार, करूणा और धर्म का पालन किया।भगवान राम भगवान विष्णु के अवतार थे। रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण 2 ऐसे महाकाव्य हैं जिनमें प्रभु राम(Lord Ram) के जीवन के हर पहलू का वर्णन किया गया हैं। आज हम रामायण जुड़ कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में जानते है जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे।

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रामायाण से जुड़ी कुछ बातें

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में कुल 24000 श्लोक हैं। इसे 7 कांडों में बांटा गया है। भगवान राम भगवान विष्णु के अवतार थे। वहीं भगवान राम के भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न क्रमश शेषनाग, धर्म, वायु और अदिति के अवतार थे।

भगवान राम की पत्नी सीता मां लक्ष्मी का अवतार थीं। वाल्मीकि रामायण के मूल संस्करण में भगवान राम भगवान नहीं थे, कहानी के केंद्र में सीता थीं।

भगवान राम और माता सीता की सेवा में लक्ष्मण इतने समर्पित थे कि वे इस कारण वनवास के चौदह वर्ष सोए ही नहीं, इसी कारण जब आयोध्या वापस आने पर भगवान राम का राज्याभिषेक चल रहा था तब लक्ष्मण जी दरबार में उपस्थित नहीं थे, बल्कि निद्रा देवी को दिए वचन के कारण वनवास से लौटकर तुरंत सो गए थे।

 माता सीता को मांग में सिंदूर भरते देख भगवान राम के प्रेम में हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लपेट लिया था. तभी से उनका नाम बजरंगी पड़ गया. 


 सीता जी के पिता राजा जनक ने स्वयंवर में भगवान शिव का धनुष चलाने की शर्त इसलिए रखी थी क्योंकि सीता जी ने बचपन में उस धनुष को खेल-खेल में उठा लिया था. प्रभु राम ने उस धनुष को तोड़ दिया था और स्वयंवर जीतकर सीता जी से विवाह लिया था. 


 भगवान शिव के प्रमुख गण नंदी ने रावण को श्राप दिया था कि बंदर तेरे विनाश का कारण बनेंगे. इसलिए पूरी वानर सेना लंका गई और उसका सर्वनाश किया. 

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 गायत्री मंत्र रामायण के प्रत्येक 1000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से बनता है. 
 
 राम और उनके भाइयों के अलावा राजा दशरथ की एक बेटी भी थी जिसका नाम शांता


 जब यमराज को दिए वचन को पूरा करने के लिए लक्ष्मण ने सरयू नदी में जल समाधि ले ली तो दुखी होकर प्रभु राम ने भी सरयू नदी में अपनी देह त्याग कर दी थी.