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Vastu Tips : घर में हो रहें है सभी बीमार तो समझ लें है कोई दोष, आज ही करे ये उपाय!

Vastu Tips For Money: वास्तु जानकरों का कहना है कि घर में वस्तु दोष इंसान को कई प्रकार की समस्याए खड़ी करते है। और साथ में वस्तु दाष के कारण से इंसान बीमारियों से भी जकड़ा रहता है। आइए जानते है घर के वस्तु दोषों को किस प्रकार से दूर किया जा सकता है।

 

 Dainik Haryana News, New Vastu Tips(New Delhi) :  किसी भी बीमारी के लिए जन्तजात ग्रह ज्यादा प्रभावित भूमिका निभाते हैं, लेकिन वस्तु का हस्तक्षेप भी इनमे कम नहीं होता है। अक्सर देखा जाता है कि घरों के निर्माण और वहां इंटीरियर में तो तो अनाप शानााप खर्च करते हैं किंतु वहां के वस्ते दोष के कारण घर में रहने वाले सभी इंसान अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त रहते हैं।

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इन बीमारियों के इलाज में वह लाखों रूपये खर्च कर देते हैं किंतु वह घर की उस वस्तु का इलाज नहीं कराते हैजिसके कारण सदस्यों को रोगों से मुक्ति नहीं मिल पाती है. रोगों का इलाज कराने के साथ ही जब वह घर की इस वास्तु बीमारी का इलाज कराते हैं उसके बाद ही सदस्यों को रोगों से मुक्ति के लिए कराए जा रहे इलाज से लाभ मिलने लगता है और वह स्वस्थ हो जाते हैं।

गृह के रसोईघर, स्नानघर और पूजा घर के साथ घर की सीढ़ियों का भी अहम स्थान है, यदि ईशान कोण यानी पूर्व-उत्तर दिशा में ऊपर चढ़ने की सीढियां हैं तो घर के सदस्यों को मानसिक तनाव बना रहता है. व्यक्ति उलझन, बीपी, डिप्रेशन आदि तरह की समस्या से घिरा रहता है. यही सीढ़ियां पूर्व और दक्षिण दिशा यानी अग्नि कोण की तरफ होने पर गुप्तांगों तथा मूत्र संबंधी रोग पैदा होते हैं।

पश्चिम दिशा में जल साधन थायराइड से संबंधित कष्ट देता है. उत्तर पूर्व दिशा (north east direction)में भूमिगत जल संसाधन धनदायक होते हैं तथा संतान को भी सुंदर तथा निरोगी बनाते हैं।

वास्तु दोष से जुड़ी बीमारियां सबसे बड़ी समस्या रसोई घर को लेकर आती है यदि यह नैऋत्य कोण अर्थात दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो तो सदस्यों को अपच और गुर्दे संबंधी रोग होने की संभावना रहती है।

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वायव्य कोण अर्थात उत्तर-पश्चिम दिशा में रसोईघर स्थित होने पर जलोदर नामक रोग पैदा होता है।
पूर्व दिशा में स्थित जल साधन होने पर डिहाइड्रेशन, जलोदय, स्त्रियों में श्वेत प्रदर आदि तरह के रोगों से इंसान परेशान रहता है।