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Andes Plane Crash Survivor Eduardo Strauchsays : मैंने अपने ही दोस्त की लाश को खाया है, आखिर कौन है ये शख्स 

Andes Plane Crash Update : दोस्तोें आज हम आपको एक ऐसी हैरान कर देने वाली कहनी बताने जा रहे हैं जिसके सुनने के बाद आपके भी पैरों तले से जमीन निकल जाएगी। हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा  रहे हैं जो बता रहा है कि मैं अपने दोस्त की लाश को खाकर जिंदा रहा था। आइए खबर में जानते हैं कौन है ये व्यक्ति। 
 
Andes Plane Crash Survivor Eduardo Strauchsays : मैंने अपने ही दोस्त की लाश को खाया है, आखिर कौन है ये शख्स 

Dainik Haryana News,Big Breaking(नई दिल्ली): जो कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं वो बहुत ही दर्दनाक और भयानक है। क्योंकि आज हम आपको उन 16 लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जो काफी दिनों तक बर्फीली पहाड़ियों में फंसे रहे और अपने मरे हुए दोस्तों का मांस खाकर ही जिंदा रहे। 76 साल के  एडुआर्डो स्ट्रैच उन्हीं 16 लोगों में से एक हैं जिन्होंने कहा है कि वो जीवित रहने के लिए अपने मरे हुए दोस्तों का मांस खाते थे।

साल 1972 में एंडीज विमान हादसे और इसके बाद हुए घटनाक्रम दुनिया में ऐसे माना जाता है जो पहले कभी हुआ ही नहीं होगा। इस भयानक त्रासदी के बाद जो लोग जिंदा बचे थे उन्होंने इस बात को बताया है कि वो अपने दोस्तों के मांस को ही खाते थे। 


72 दिन फंसे रहे बर्फ में :

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उनका कहना है कि वो लोग 72 दिनों तक बर्फ में फंसे हुए थे। एडुआर्डो स्ट्रैच(Eduardo Stretch) ने द सन से इस हादसे को याद करते हुए कहा, मेरा दिमाग ठीक था और चीजों को समझने में कोई समस्या नहीं हुई लेकिन मेरे शरीर ने पहली बार इसे अस्वीकार कर दिया कि मैं इंसानी मांस खाऊ। संस्कृति और दूसरी चीजों की वजह से हम मांस को खाने का फैसला नहीं कर पा रहे थे।

लेकिन बाद में भूख से मर रहे थे तो हमारे गु्रप ने फैसला लिया कि हम इंसानों का यानी अपने ही दोस्तों का मांस खाएंगे और अपने-आप को बचाने के लिए अपने ही दोस्तों का मांस खाना होगा। हालांकि, इंसानों के मांस का स्वाद नहीं था वो सिर्फ चावल खाने जैसा था। लेकिन मुझै इस बात का गर्व है कि हमने इंसानों के मांस को खाया, क्योंकि ऐसा करने पर ही हम वहां जिंदा रह सके हैं। 


पहली बार सोच तो हो गए थे रांगटे खड़े:

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जिंदा बचे लोगों में रॉबर्टो कैनेसा वही व्यक्ति थे जिन्होंने पहली बार कहा था कि अगर हम मांस नहीं खाएंगे तो भूख से मर जाएंगे। जब हमने पहली बार इस बात को सोचा तो हमारे लिए इसे स्वीकार करना मुश्किल था। हम सबने आपस में वादा किया कि अगर हम में से किसी की मौत हो जाती है तो हमें उसका शरीर खाना होगा जो मर गया है। 


कैसे हुआ था हादसा?

13 अक्टूबर 1972 को एक विमान 45 लोगों को लेकर जा रहा था। विमान एंडीज पर्वतमाला से टकराया और उरुग्वे एयरफोर्स की फ्लाइट 571 रग्बी टीम और उनके परिवार वालों को लेकर चिली के लिए रवाना हुई थी। एंडीज एंडीज पर्वत के बीच में जब विमान आया था कै्रश हो गया और 29 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई।

इसके बाद 13 लोग हिमस्खलन में मारे गए थे। घटना के 10 दिन बाद ही विमान की खोज को बंद कर दिया गया और ये सोचा कि सभी लोग मारे जा चुके हैं। इसके बाद दो लोग ट्रेकिंग करते हुए एंडीज पहाड़ को पार करके चिली के घनी आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचे तो उन्हें लगा कि यहां पर कुछ लोग जिंदा हो सकते हैं। 23 दिसंबर 1972 को 16 लोगों को 72 दिन के बाद निकाला गया।