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Farmers Should Apply This Fertilizer : गेहूं की बुवाई से पहले किसान खेत में डालें ये खाद, पैदावार होगी दोगुनी
 

Kisan News : दोस्तों सरकार किसानों की मदद करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। फसलों के ऐसे बीजों का उत्पादन कर रही है जिनकी बुवाई से पैदावार ज्यादा होती है। आज हम आपको एक ऐसे खाद के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे गेहूं की बुवाई से पहले खेत में डाल लेना चाहिए। जानने के लिए बने रहें हमारे साथ। 
 
Farmers Should Apply This Fertilizer : गेहूं की बुवाई से पहले किसान खेत में डालें ये खाद, पैदावार होगी दोगुनी

Dainik Haryana News,DAP Fertilizer(ब्यूरो): किसानों को सबसे ज्यादा गेहूं की फसल की पैदावार की चिंता होती है। अगर किसान सही उर्वरक, समय पर बवाई और सिंचाई करता है तो गेहूं की पैदावार अच्छी होती है। एमएपी और डीएपी उर्वरकों का आप सही से इस्तेमाल करते हैं तो अच्छी गेहूं की पैदावार हो सकती है। ऐसे एक खाद के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसके इस्तेमाल से ज्यादा पैदावार होती है। 

DAP खाद :

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किसान अपनी फसलों के लिए जो डीएपी खाद का इस्तेमाल करते हैं उसमें 18 प्रतिशत नाइट्रोजन और 40 प्रतिशत फास्फोरस होता है। यह खाद खेती के लिए काफी उपयोगी होता है। लेकिन ज्यादा पीएच मान वाली मिट्टी में इसका सही प्रयोग करना जरूरी होता है जिससे आपकी फसल को ज्यादा लाभ हो सके। ऐसे में इससे ज्यादा लाभ आपकी फसल को नहीं होगा अगर मिट्टी क्षारीय होगी और पीएच का मान भी ज्यादा होगा।


कैसा होता है MAP उर्वरक :

एमएपी उर्वरक का प्रयोग करने से किसानों को उनकी फसल में 11 प्रतिशत नाइट्रोजन और 52 प्रतिशत 52 प्रतिशत फास्फोरस होता है। इस उर्वरक का प्रयोग कम पीएम मान वाली मिट्टी के लिए बेहद ही फायदेमंद है। जिसमें 3.5 के आसपास का पीएम मान हो उसमें फास्फोरस का ज्यादा मात्रा में मिलने से फसलों को काफी ज्यादा फायदा होता है। इसकी मिट्टी में आसानी से घुलने की क्षमता होती है जिससे किसानों की फसलों को काफी फायदा होता है और पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है।

इन उर्वरक का करें इस्तेमाल?

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किसानों को अपनी फसलों में खाद का प्रयोग अच्छे तरीके से चयन करके ही करना चाहिए। डीएपी और एमएपी दोनों अपनी जगहों पर अच्छे उर्वरक हैं। लेकिन फास्फोरस के मामले में एमएपी उर्वरक का उपयोग अधिक फायदेमंद हो सकता है। जिस प्रकार डीएपी में फास्फोरस की मात्रा 18 प्रतिशत तक होती है, उसी प्रकार एमएपी में यह मात्रा 52 प्रतिशत तक होती है, जो फसलों के लिए बहुत फायदेमंद है।

किसानों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वो अपनी फसल में कौन से उर्वरक का इस्तेमाल करेंगे। ज्यादा पीएम मान वाली मिट्टी में डीएपी उर्वरक का सही प्रयोग और कम पीएच वाली मिट्टी में किसानों को चयन करके ही उपयोग करना चाहिए, ताकि फसलों की पैदावार अच्छी और ज्यादा हो सके।