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High Court Decision : हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, ज्वाइंट फैमिली में बिना बंटवारे के प्रॉपर्टी बेच सकते हैं या नहीं 

High Court Decision For Property : आने देखा होगा बहुत से परिवार आज भी एक साथ यानी ज्वाइंट फैमिली में रहते हैं। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि ज्वाइंट फैमिली में आज जमीन को बेच सकते हैं या नहीं। आइए खबर में जानते हैं इसके बारे में। 

 
High Court Decision : हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, ज्वाइंट फैमिली में बिना बंटवारे के प्रॉपर्टी बेच सकते हैं या नहीं 

Dainik Haryana News,High Court Decision joint family Property (नई दिल्ली):  प्रॉपर्टी को लेकर हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने ज्वाइंट फैमिली की जमीन को बेचने को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने काफी लंबे समय की बहस के बाद दोनों पक्षों के लिए आदेश सुनाया है। आदेश में संयुक्त हिंदू परिवार की अविभाजित संपत्ति से जुड़े प्राय सभी कानूनी बिंदुओं को विस्तार से समाहित किया गया है।


सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये फैसला :

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न्यायमूर्ति अरूण कुमार शर्मा(Justice Arun Kumar Sharma) की एकलपीठ की तरफ से आदेश जारी किए हैं कि साल 2020 में विनीता शर्मा के मामले में सुनाए गए फैसले का उल्लेख करते हुए कहा है कि बंटवरा बिना ऐसी संपत्ति का सहस्वामी अपनी हिस्से की संपत्ति को नहीं बेच सकता है। इस मामले में कोर्ट ने एक हिस्से के के्रता ऊषा कनौजिया व रूक्मणि कनौजिया की दूसरी अपील को खारिज कर दिया है। 


यहां समझें पूरा मामल :

छिंदवाड़ा के रहने वाले सारू बाई, एकनाथ सहित साथ अनावेदकों की तरफ से पहल सिविल कोर्ट में 0.85 हेक्टेयर जमीन का दावा पेश किया था। अनावेदकों की तरफ से अधिवक्ता सुशील कुमार, निशांतराय, व रावेंद्र तिवारी ने अपना पक्ष रखा था। याचिका थी कि पांड्रू ने जमीन ऊषा,रूक्मणी व भारती को बेच दी थी। उन्होंने अरोप लगाया था कि पाडूÑ ने अपने हिस्से की जमीन को बेच दिया और इस समय तक बंटवारा भी नहीं हुआ है।

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सिविल कोर्ट ने रजिस्ट्री शून्य कर जमीन को सात भागों में बांटकर अनावेदकों के नाम कर दिया था। इसके बाद ऊषा व रूक्मणी हाईकोर्ट में प्रथम अपील प्रस्तुत कर सिविल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने पहली अपील निरस्त कर दी दोनों ने उसके तुरंत बाद ही दूसरी अपील पेश की और हाईकोर्ट ने सिविल कोर्ट और पहली अपील के फैसले को सही ठहराया है। हाईकोर्ट ने अपने एक अहम मुद्दे पर कानूनी बिंदु का निर्धारण करते हुए साफ कर दिया है कि संयुक्त हिंदू परिवार की अविभाजित संपत्ति या उसका कोई हिस्सा विधिवत बंटवारा किए बिना नहीं बेचा जा सकता है।