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UAE में पहले हिंदू मंदिर का इस दिन होगा उद्घाटन, जानें मंदिर के बारे में 

UAE Hindu Mandir : इसका डिजाइन एक प्रेरणा है। वैदिक वास्तुकला और मूर्तियों से प्रेरणा लेते हुए मंदिर का डिजाइन परंपरा और विरासत के प्रति गहरी श्रद्धा को दिखाता है। भारत में कारीगरों ने सावधानीपूर्वक जटिल नक्काशी की और मूर्तियां बनाई।
 
UAE में पहले हिंदू मंदिर का इस दिन होगा उद्घाटन, जानें मंदिर के बारे में 

Dainik Haryana News,UAE Hindu Temple(ब्यूरो): संयुक्त अरब अमीरात अबू धाबी(BPSP Mandir) में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। यूएई में बनने वाले इस हिंदू मंदिर में बहुत ही ऐसी खास बातें हैं जो काफी कम लोगों को पता है। यह मंदिर इंडिया और यूएई के बीच में धार्मिक सहिष्णुता, सांस्कृतिक समृद्धि और द्विपक्षीय सहयोग का उत्सव मनाया जा रहा है। बीएपीएस मंदिर विश्वास और विविधता व एकता का प्रतीक है।

पश्चिम एशिया का यह सबसे बड़ा मंदिर होगा। यह पूरी तरह से पत्थर का बना है। आइए जानें इससे जुड़ी खास बातों के बारे में। भारत के प्रधानमंत्री पीएम मोदी(PM Modi In UAE) जी 14 फरवरी को यूएई में मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे हैं, लोगों में मंदिर के उद्घाटन को लेकर उत्साह भरा हुआ है। तो चलिए आज हम आपको मंदिर के बारे में दस बातें बताने जा रहे हैं जो आपको जरूर पता होनी चाहिए। 

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मंदिर से जुड़ी 10 जरूरी बातें :

1.बीपीएसपी मंदिर(uae hindu temple inauguration) का निर्माण संगमरमर  ईंटों व बलुआ पत्थर से किया गया है। 4 लाखं घंटों के ज्यादा समय में इस मंदिर को तैयार किया गया है। 
2.मंदिर पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। बीएपीएस मंदिर(BPSP Mandir Photo) के पैमाने औश्र भव्यता ने वास्तुशिल्प उत्कृष्टता व सांस्कृतिक महत्व के नए मानक हैं।
3.मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी को एक भव्य समारोह के साथ मनाया जाएगा, जो सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सांप्रदायिक समारोहों के संगम का प्रतीक है, जिसे उपयुक्त रूप से सद्भाव का त्योहार नाम दिया गया है।

4.इसका डिजाइन एक प्रेरणा है। वैदिक वास्तुकला और मूर्तियों से प्रेरणा लेते हुए मंदिर का डिजाइन परंपरा और विरासत के प्रति गहरी श्रद्धा को दिखाता है। भारत में कारीगरों ने सावधानीपूर्वक जटिल नक्काशी की और मूर्तियां बनाई।
5.पीएम मोदी की यूएई यात्रा के दौरान मंदिर परियोजना के लिए जमीन का आवंटन हुआ था। यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक कूटनीतिक और सहयोग के महत्व को दिखाता है।

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6.मंदिर को बनाने में इंडिया के कुशल कारीगरों ने अपनी विशेषताओं का योगदान किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर अभिनेता अक्षय कुमान और संजय दत्त ने 50 हजार से ज्यादा लोगों ने निर्माण में भाग लिया और एक लक्ष्य दिशा सामूहिक प्रयास का प्रतीक है। 
7.धार्मिक महत्व के साथ मंदिर परिसर एक बहुआयामी स्थान है, जिससे आंगतुक केंद्र, प्रार्थना स्थल, फूड कोर्ट, किताबें, बच्चों के खेलने के स्थान आदि हैं। मंदिर की नीव में 100 सेंसर व पूरे क्षेत्र में 350 से ज्रूादा सेंसर हैं जो भूकंप और 8.तापमान के बारे में जानकारी देते हैं। मंदिर को बनाने में 700 करोड़ रूपये से ज्यादा की लागत देखने को मिली है। मंदिर में एक साथ 7 शिखर बनाए गए हैं जो अरब अमीरात की एकता का प्रतीक हैं। यह मंदिर एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। पूरा होने पर इसकी ऊंचाई 108 फीट होती है, जो देखने लायक है।