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 Eye Disease :  आपके बच्चों की आंखें दिखा रही ऐसे लक्षण तो तुरंत लें डॉक्टर की सलाह
 

 Health Tips :   आज के दौर बहुत ही कम उम्र के बच्चों की आंखें कमजोर हो जाती है। बच्चों को छोटी उम्र में ही चश्में चढ़ जाते है। आज हम आपको आंखों से जुड़ी बीमारी के बारे में बताने जा रहे है। इस बीमारी के बारे में शायद ही कुछ लोगों को पता होगा। आइए जानते है कौन सी है ये बीमारी
 
 
 Eye Disease :  आपके बच्चों की आंखें दिखा रही ऐसे लक्षण तो तुरंत लें डॉक्टर की सलाह

Dainik Haryana News, What is Ptosis (New Delhi) :   आज हम आंखों की एक खतरनाक बीमारी के बात करेंगे जो बड़े लोगों के साथ साथ छोटे बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है। दुनियाभर में ऐसी बीमारियां हैं जिनके शिकार में आते ही किरयर तबाह हो सकता है। ऐसी ही आंखों से जुड़ी एक बीमारी है जिसको टोसिस के नाम से जाना जाता है। हालांकि आम बोलचाल में इसे लोग पीटोसिस भी कहते हैं।

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हाल ही में बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा जीनत अमान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि वह टोसिस नाम की बीमारी से जुझ रही हैं। उन्हें यह बीमारी 40 साल पहले चोट लगने के कारण हुई थी। दाहिनी आंख की मांसपेशियों में दिक्कत आने की वजह से उन्हें इस बीमारी की सर्जरी भी करवानी पड़ी थी। टोसिस आंखों से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसमें आंख की पलकें नीचे की तरफ झुक जाती हैं। ऐसी स्थिति में मरीज को देखने में परेशानी हो जाती है।

बीमारी के लक्षण को समय पर समझकर इलाज कराने से मरीज ठीक हो सकता है। आइए जानते है टोसिस बीमारी होती क्या है और इसके लक्षण क्या हैं। क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके? इस बीमारी के बारे में विस्तार से बता रहे हैं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक रंजन-

क्या है टोसिस का कारण

डॉ. आलोक रंजन बताते हैं कि, लेवेटर पैल्पेब्रा सुपीरियरिस मांसपेशी का कार्य ऊपरी पलक को ऊपर उठाना और ऊपरी पलक की स्थिति को बनाए रखना है. लेकिन जब ये डाइमेज या काम करना बंद कर देती है तो आंखों की पलकें गिर जाती हैं. इस स्थिति में या तो मरीज को चीजें धुंधली दिखने लगती हैं या दृष्टि खराब हो जाती है. वैसे तो टोसिस  की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन यह बीमारी ज्यादातर बढ़ती उम्र में देखने को मिलती है. यह बीमारी बढ़ती उम्र, मांसपेशियों में कमजोरी, आंखों की पुरानी बीमारी, चोट, माइसथीनिया ग्रेविस, नर्व डैमेज आदि होने पर हो सकती है. हालांकि, कुछ लोगों में टोसिस नामक बीमारी जन्मजात भी हो सकती है.

डॉ. आलोक रंजन के मुताबिक, आंखों से जुड़ी टोसिस बीमारी की तीन स्टेज होती हैं. इसमें सबसे प्राथमिक माइल्ड (2 एमएम), सेकेंडरी मोटरेट (2-4 एमएम) और तीसरी सीवियर (4 एमएम से ऊपर) है. टोसिस की बीमारी होने पर मरीज को देखने और पलकों को मूव करने में भी दिक्कत हो सकती है. पीटोसिस बीमारी के मुख्य लक्षण आंखों में तनाव, आंखों में दर्द, देखने में परेशानी, ब्लर विजन, पलकों को उठाने में दर्द, तनाव और आंखों को खोलने में दिक्कत होना है.

टोसिस से बचाव के उपाय

डॉ. आलोक रंजन के मुताबिक, टोसिस गंभीर बीमारियों में से एक है. अधिक मामलों में ये बीमारी खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी है. ऐसे में अपनी डाइट विशेष फोकस रखना अधिक जरूरी है. एक्सपर्ट पीटोसिस पीड़ितों को विटामिन 12, मिनरल्स और प्रोटीन से भरपूर फूड्स लेने की सलाह देते हैं. लेकिन इससे भी जरूरी है कि पीटोसिस के लक्षण दिखने पर सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें.