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Haryana Hindi News : हरियाणा में इन किसानों की जमीन का सरकार करने जा रही अधिग्रहण, प्रति एकड़ देगी इतने रूपये 
 

Haryana Latest News : जो भी प्रोजेक्ट पिछले सालों से रूके हुए हैं अब हरियाणा सरकार उन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए लगातार कदम बढ़ा रही है। सूचना मिली है कि एक नए प्रोजेक्ट के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा। आइए खबर में जानते हैं किन किसानों की जमीनों का होगा अधिग्रहण। 
 
Haryana Hindi News : हरियाणा में इन किसानों की जमीन का सरकार करने जा रही अधिग्रहण, प्रति एकड़ देगी इतने रूपये 

Dainik Haryana News,No Litigation Policy(नई दिल्ली): गुरूग्राम जिले के मानेसर तहसील के कुकरोला, सेहरावां व कासन गांवों की जमीन के अधिग्रहण के मामले को किसानों व जमीन मालिकों को राहत देते हुए हरियाणा सरकार ने नो लिटिगेशन पॉलिसी 2023 को लाया गया था। हरियाणा के सीएम ने किसानों को इस बात का विश्वास दिया था कि किसानों के इस मामले को कानूनी तौर पर निपटाया जाएगा। 9 अगस्त, 2022 को हरियाणा विधानसभा सत्र में भी मुख्यमंत्री ने इस विषय के समाधान को लेकर आश्वसत किया था। हरियाणा सरकार ने नो लिटिगेशन पॉलिसी-2023 तैयार की है। जिसमें किसानों की जमीन का अधिग्रहण प्रति एकड़ के 1 हजार वर्ग मीटर के बराबर विकसित किया जाएगा। 


तत्कालीन राज्य सरकार ने मानेसर औद्योगिक मॉडल टाउनशिप विस्तार के विकास उद्देश्स से 10 जनवरी 2011 की भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा चार क तहत गुरूग्राम जिले की मानेसर तहसील के गांवों कासन, कुकरोला और सेहरावां में लगभग 1810 एकड़ जमीन को अधिसूचित किया था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और कोर्ट ने उपर्युक्त अधिग्रहण कार्यवाही पर रोक लगा दी।

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सुप्रीम कोर्ट ने हटाया स्टे :

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस मामले को निपटाकर साल 2019 में स्टे को हटा दिया गया था और उसके बाद उक्त जमीन को 17 अगस्त 2020 का जमीन अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 6 के तहत अधिसूचित किया गया और फिर 8 अगस्त 2022 को अवार्ड की घोषणा की गई थी। नो लिटिगेशन पॉलिसी के तहत किसानों को कई तरह के ला•ा दिए गए। जमीन मालिकों को पॉलिसी की अधिसूचना और पोर्टल के लॉन्च होने से 6 महीने के अंदर ही विकल्प चुनने का अधिकार दिया गया। भूमि मालिकों को तत्काल लाभ सुनिश्चित करने के लिए एचएसआईआईडीसी योजना के बंद होने से 3 महीने की अवधि के भीतर भूमि पात्रता प्रमाण पत्र (Land Entitlement Certificate) जारी कर सकता है।

भूमि मालिकों को लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट(Land Entitlement Certificate) को ओपन मार्केट में बेचने की होगी स्वतंत्रताइस नीति में जमीन के अंटाइलमेंट सर्टिफिकेट धारकों को लैंड इंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट का बिजनेस करने व खरीद बेच सकते हैं। भूमि मालिक ओपन मार्केट में लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट का मुद्रीकरण कर सकता है या एचएसआईआईडीसी को वापस बेच सकता है। आवंटित की जाने वाली साइट के संबंध में बुनियादी ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को पोजेशन के साथ एचएसआईआईडीसी द्वारा विकसित भूखंडों की पेशकश की जाएगी।

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एचएसआईआईडीसी(HSIIDC) द्वारा ऑफर किए जाने वाले प्लॉट का आकार विकसित आवासीय उपयोग के लिए 100 वर्ग मीटर और 150 वर्ग मीटर तथा विकसित औद्योगिक उपयोग के लिए 450 वर्गमीटर होगा।भूमि मालिक 33 वर्ष की अवधि के लिए प्रदान किए जा रहे वार्षिकी भुगतान का लाभ उठाने का भी हकदार होगा। वार्षिकी भुगतान (एन्युटी पेमेंट) 33 वर्ष की अवधि के लिए 21,000 प्रति एकड़ प्रति वर्ष होगा। इस वार्षिकी राशि में हर साल 750 रुपये की एक निश्चित राशि से वृद्धि की जाएगी।

लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट(Land Entitlement Certificate) के बाय बैक का भी प्रावधानइस नीति में सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी 2022 की तर्ज पर भूमि मालिक/भूमि पात्रता प्रमाण पत्र धारकों को बाय बैक का भी विकल्प दिया है। इसके तहत, भूमि मालिक व लैंड एंटाइटलमेंट सर्टिफिकेट धारक एचएसआईआईडीसी(HSIIDC) से वैध भूमि पात्रता प्रमाण पत्र वापस खरीदने का अनुरोध कर सकते हैं।