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 Hooka Ban : हुक्का बैन, युवा परेशान 


WHO report on Disadvantages hooka : देश में लगातार युवाओं में हुक्के का के्रज बढ़ रहा है। हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके बाद सरकार ने हुक्के पर बैन लगा दिया है। आइए खबर में जानते हैं रिपोर्ट।
 

Dainik Haryana News,WHO report on Hooka(नई दिल्ली): डब्ल्यूएचओ(WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक देश का युवा लगातार हुक्के के संपर्क में आ रहा है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार 45 मिनट का हुक्का 100 सिगरेट पीने के बराबर माना जाता है। डब्ल्यूएचओ ने वैश्विक व्यस्क तंबाकू सर्वे(Global Adult Tobacco Survey) 2016-17 का डाटा जारी किया था जिसमें बताया गया कि कर्नाटक के 22 प्रतिशत युवा तंबाकू का सेवन करते हैं। जिनमें 8.8 प्रतिशत नशे के आदी हैं व 23.9 प्रतिशत युवा सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू के धुंए के संपर्क में हैं।

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कनोर्टक सरकार ने इन आंकड़ों को देखते हुए तत्काल प्रभाव से युवाओं की सुरक्षा को देखते हुए हुक्के पर बैंन लगाने के आदेश जारी किए हैं। सरकार ने तत्काल प्रभाव से हुक्का उत्पादों की बिक्री, खरीद और प्रचार पर बैन लगा दिया है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर अधिसूचना जारी की है. इसमें सभी तरह के हुक्का उत्पादों की बिक्री, भंडारण, विज्ञापन और इनके प्रचार पर प्रतिबंध लगाया है. कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव(Karnataka Health Minister Dinesh Gundu Rao) ने कुछ दिन पहले ही हुक्का पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए थे.

स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हुक्का :

हुक्के(Disadvantages of Smoking Hooka) पर बैन लोगों की सेहत को देखते हुए लगाया गया है। पिछले साल बेंगलूरू के कोरमंगला में एक हुक्का बार में आगे लगने से दुघर्टना हुई थी। इस दुर्घटना से काफी लोग प्रभावित हुए थे और हुक्का बार में स्टेट फायर कंट्रोल सेफ्टी लॉ का उल्लंघन हुआ था। 


कानून तोड़ने पर होगी कार्रवाई :

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कनार्टक सरकार(karnataka Government ban Hooka) की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं कि अगर कानून का उल्लंघन किया गया तो सीओटीपीए सिगरेट और तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003, खाद्य सुरक्षा व गुणवत्ता अधिनियम 2006, बाल देखभाल व संरक्षण अधिनियम 2015, कर्नाटक प्वाइजन (कब्जा और बिक्री) नियम 2015 और भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी.